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यूक्रेन-हंगरी बॉर्डर : भारतीय छात्रों का छलका दर्द, कहा हम यही मर जायेंगे


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नई दिल्ली – रूस ने यूक्रेन के मेलितोपोल शहर पर कब्‍जे का दावा किया है तो यूक्रेन ने भी रूसी विमानों को मार गिराने का दावा किया है। यूक्रेन का कहना है कि रूस के हमले में अब तक 198 लोगों की जान जा चुकी है, जिनमें तीन बच्‍चे भी शाम‍िल हैं। मुश्किलें यहां फंसे भारतीय छात्रों के लिए भी बढ़ रही हैं, जिनका कहना है कि यूक्रेन में किसी भी जगह अब वे सुरक्षित महसूस नहीं कर रहे हैं।

भारतीय छात्र ने बताया कि यहां उनका संपर्क किसी भारतीय अधिकारी से नहीं हो पाया, जिनकी मदद से वे हंगरी की सीमा में दाखिल हो पाएं और स्‍थानीय प्रशासन के अधिकारी उन्‍हें हंगरी की सीमा में ले जाने से मना करते रहे। उन्‍होंने बताया कि उनके साथ कई छात्र शुक्रवार देर रात 1 बजे ही यहां पहुंच गए थे, लेकिन शनिवार सुबह 10 बजकर 17 मिनट के बाद तक भी वे हंगरी की सीमा में दाखिल नहीं हो पाए और न ही उनका भारतीय दूतावास के अधिकारियों से संपर्क हो पाया।

घर वापसी का इंतजार कर रहे ऐसे ही एक भारतीय छात्र राशिद रिजवान हैं, जिन्‍होंने यूक्रेन-हंगरी बॉर्डर से अपना एक वीडियो शेयर करते हुए भारत सरकार से मदद की गुहार लगाई है। रिजवान के मुताबिक, हंगरी में प्रवेश के लिए वाहनों का एक काफिला खड़ा है। भारत के कुल 18 छात्र यहां पहुंचे हैं, लेकिन कई घंटों के इंतजार के बाद भी वे हंगरी की सीमा में दाखिल नहीं हो पाए। माइनस 2 डिग्री सेल्सियस में उन्‍हें बाहर ही रात गुजारनी पड़ी।

एयर इंडिया ने आज भारतीयों की वापसी के लिए दो फ्लाट्स के संचालन की जानकारी दी थी, जिनमें से एक फ्लाइट रोमानिया और एक दूसरी हंगरी भेजे जाने की बात कही गई थी। भारत की रेस्‍क्‍यू टीम लगातार यूक्रेन में फंसे भारतीयों की सुरक्षित निकासी के प्रयास में लगी हुई है। विदेश मंत्री एस. जयशंकर खुद पूरे मामले की निगरानी कर रहे हैं। भारत के शीर्ष नेतृत्‍व ने इस संबंध में रूसी नेतृत्‍व से भी बात की है। यूक्रेन में फंसे अन्‍य भारतीय छात्रों को भी जल्‍द ही मदद मिलने की आस है।

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