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रूस-यूक्रेन युद्ध से खाने के तेल होंगे बहुत महंगे! बढ़ी दाम


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नई दिल्ली – यूक्रेन और रूस के बीच हो रही जंग से शेयर मार्केट में गिरावट लगातार दर्ज की जा रही है. जंग ने सप्लाई बाजार को भी काफी प्रभावित किया है. दोनों देशों में जंग की आंच छत्तीसगढ़ के बस्तर तक आ पहुंची है. बाजार में फूड आइटम्स की कीमत 20 फीसद तक बढ़ गई है. पिछले दो दिनों में अचानक फूड आइटम्स के दाम बढ़ने से व्यापारी घबरा गए हैं.

ट्रांसपोर्टर और व्यापारियों का कहना है कि कीमतों में उछाल का कारण यूक्रेन-रूस का युद्ध है. थोक व्यापारी और ट्रांसपोर्टरों ने बताया कि 2 दिन पहले तेल की कीमत प्रति लीटर 133 से 134 रुपये तक की थी, मगर शनिवार को दाम बढ़कर 158 से 159 तक हो गया. 15 लीटर तेल के टिन में 150 से 160 रुपये तक की बढ़ोतरी हुई है. चावल, दाल की कीमत में भी प्रति किलो 3 से 4 रुपये का इजाफा हुआ है. महंगाई की मार का असर आम जनता पर पड़ा है. जानकारों का कहना है कि अगर दोनों देशों के बीच लड़ाई नहीं रुकी तो आने वाले दिनों में तेल और फूड आइटम्स की कीमतों में और भी बढ़ोतरी देखने को मिल सकती है.

पिछले डेढ़ साल से सरसों तेल (Mustard Oil Price), रिफाइंड ऑयल (Refined Oil Price) और अन्य एडिबल ऑयल की कीमतों (Edible Oil Price) में काफी अधिक तेजी देखने को मिली है. सरकार इन तेलों की कीमतों में काबू करने के लिए कई तरह के कदम लगातार उठाती रही है. लेकिन अब रूस और यूक्रेन के बीच लड़ाई से तेल की कीमतों में और उछाल देखने को मिल सकता है.

रूस-यूक्रेन की लड़ाई आगे बढ़ने के साथ ही भारत में क्रूड एडिबल ऑयल की सप्लाई पर असर देखने को मिल सकता है. भारत अपनी खाद्य तेल की 70 फीसदी जरूरत इम्पोर्ट के जरिए पूरी करता है. सनफ्लावर ऑयल के मामले में यह और भी अधिक है. रूस-यूक्रेन का इलाका इस सेग्मेंट के लिए और भी अहम है. ऐसे में अगर दोनों देश अगले 7-10 दिन में लड़ाई खत्म नहीं करते हैं तो खाद्य तेल की सप्लाई पर असर देखने को मिलेगा और इससे कीमत बढ़ जाएंगे.

देश की सबसे बड़ी एडिबल ऑयल कंपनी Adani Wilmar के चीफ एग्जीक्यूटिव ऑफिसर और मैनेजिंग डायरेक्टर अंगशु मलिक ने कहा कि वे लोग स्थिति पर करीबी निगाह रख रहे हैं.

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