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Maha Shivratri की पूजा में गलती से भी न करें ये 5 गलतियां, लगता है भयंकर दोष


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अहमदाबाद : महाशिवरात्रि का पर्व 1 मार्च 2022 मंगलवार को मनाया जाएगा। कैलेंडर के अनुसार फाल्गुन कृष्ण चतुर्दशी के दिन महाशिवरात्रि मनाई जाती है। मान्यता है कि महाशिवरात्रि के दिन ही शिव और पार्वती का विवाह हुआ था। महाशिवरात्रि के दिन, भक्त शिव मंदिर जाते हैं और जलाभिषेक और रुद्राभिषेक करते हैं।

वहीं मानसिक कार्य को पूरा करने के लिए शिवलिंग पर कई चीजें चढ़ा दी जाती हैं, लेकिन कभी-कभी गलती से कुछ ऐसी चीजें चढ़ा दी जाती हैं, जिन्हें शास्त्रों में वर्जित माना गया है। ऐसे में जानते हैं कि महाशिवरात्रि के दिन शिव की पूजा में किन वस्तुओं का प्रयोग नहीं करना चाहिए।

तुलसी की पत्तियां
वैसे तो हिंदू धर्म में तुलसी का विशेष महत्व है, लेकिन शिव पूजा में इसका प्रयोग निषेध है। शिव की पूजा में तुलसी के प्रयोग से मनोकामना पूर्ण नहीं होती है।

शिवलिंग पर तिल न चढ़ाएं
शास्त्रों के अनुसार शिव की पूजा में तिल वर्जित है। ऐसा माना जाता है कि तिल की उत्पत्ति भगवान विष्णु के शरीर की गंदगी से हुई थी। यही कारण है कि शिव की पूजा में तिल का प्रयोग नहीं किया जाता है।

कुमकुम या सिंदूर
शिवलिंग पर कुमकुम या सिंदूर चढ़ाने की मनाही है। क्योंकि कुमकुम या सिंदूर को सौभाग्य का प्रतीक माना जाता है। जबकि भोलेनाथ बैरागी हैं। इसके बदले शिवलिंग पर भस्म चढ़ाना शुभ माना जाता है।

नारियल
शास्त्रों के अनुसार शिवलिंग का नारियल पानी से अभिषेक नहीं करना चाहिए। नारियल को देवी लक्ष्मी का प्रतीक माना जाता है। इसे भगवान विष्णु से भी जोड़ा जाता है। इसलिए शिव की पूजा में नारियल का प्रयोग नहीं करना चाहिए।

केतकी फूल
भगवान शिव की पूजा केवल एक लोटा, अक्षत और बेलपत्र से की जा सकती है। शिव पुराण के अनुसार भगवान शिव की पूजा में केतकी के फूल का प्रयोग नहीं करना चाहिए।

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