x
ट्रेंडिंगलाइफस्टाइल

शख्स को मास्टरबेट करना पड़ा भारी, प्राइवेट पार्ट में फंस गयी ये चीज़


सरकारी योजना के लिए जुड़े Join Now
खबरें Telegram पर पाने के लिए जुड़े Join Now

नई दिल्ली : एक 37 वर्षीय वर्जिन पुरुष के लिए सेक्स एक्ट उस वक्त भारी पड़ गया, जब मास्टरबेशन (Masturbation) करते समय उसके प्राइवेट पार्ट में एक चीज फंस गई. बताया जा रहा है कि यह इंडोनेशियाई शख्स अपनी मां के साथ रहता है और मास्टरबेशन के दौरान उसने अपने पेनिस (Penis) में 2 मीटर लंबी नायलॉन की डोरी डाली, जो उसके प्राइवेट पार्ट में फंस गई. इस एक्ट के बाद जब उसके पेट में असहनीय दर्द होने लगा, तब आनन-फानन में शख्स को सुराबाया के एक अस्पताल में ले जाया गया. दरअसल, प्राइवेट पार्ट में डोरी फंस जाने के कारण व्यक्ति को पेशाब करने और रक्त के बहाव में दिक्कतें होने लगीं.

शख्स ने डॉक्टरों के सामने कबूल किया कि उसने खड़े होकर और पोर्न देखते हुए अपने मूत्रमार्ग में नायलॉन की रस्सी का एक टुकड़ा डाला था. रेडियोलॉजी केस रिपोर्ट्स में पीड़ित के साथ हुई घटना का जिक्र करते हुए, उसका इलाज करने वाले डॉक्टरों ने लिखा कि मूत्राशय में इंसर्ट करने के मामले अपेक्षाकृत दुर्लभ हैं, लेकिन पिछले कुछ दशकों में इस तरह की घटनाओं में बढ़ोत्तरी हुई है.

उन्होंने कहा कि लोग आमतौर पर सेक्सुअल प्लेजर के लिए या मानसिक समस्याओं या फिर नशीली दवाओं के दुरुपयोग के कारण चीजों को अपने मूत्रमार्ग में डालते हैं, जैसे- हेयर क्लिप, स्ट्रॉ, माचिस और पेंसिल इत्यादि. जो लोग इस तरह की चीजों का इस्तेमाल यौन सुख पाने के लिए करते हैं, वे अक्सर मेडिकल हेल्प लेने में देरी करते हैं और शर्मिंदगी के कारण डॉक्टरों को गलत जानकारी देते हैं, जिससे बार-बार होने वाले यूरीनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन, ब्लैडर स्टोन और सेप्सिस जैसी जटिलताओं का खतरा बढ़ जाता है.

पीड़ित ने डॉक्टरों को बताया कि उसने सेक्स एक्ट के दौरान पहली बार अपने मूत्रमार्ग में कुछ डाला था, लेकिन वह नियमित तौर पर हस्तमैथुन करता है और पोर्न रोज देखता है.

इसके बाद डॉक्टरों ने सिस्टोस्कोपी की, जिसमें एक ट्यूब के माध्यम से मूत्राशय में कैमरा डाला जाता है, ताकि डॉक्टर अंदर तक देख सकें. चिकित्सकों ने सिस्टोस्कोपी की मदद से नायलॉन की डोरी का एक काला बंडल देखा और अंत में वो लंबी-पतली चिमटी की मदद से उसे हटाने में कामयाब रहे.

डॉक्टरों ने मरीज को करीब दो दिन तक अस्पताल में रखा, ताकि वो उसकी अच्छी तरह से निगरानी कर सकें. बताया जा रहा है कि मरीज पूरी तरह से ठीक हो चुका है.

Back to top button