नई दिल्ली – भारतीय नौसेना के युद्धपोत INS विशाखापटनम से शुक्रवार को ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल का परीक्षण किया गया. डीआरडीओ ने बताया कि ब्रह्मोस के नेवी वैरिएंट का ये परीक्षण पश्चिमी समुद्र तट के नजदीक किया गया. इस दौरान मिसाइल अपने लक्ष्य को भेदने में कामयाब रही. आईएनएस विशाखापटनम को हाल ही में भारतीय नौसेना में शामिल किया गया है.
यह चुपके से मिसाइलों को चकमा देकर नष्ट करने की क्षमता से लैस है. वहीं ब्रह्मोस भारतीय सेना के मुख्य हथियारों में से एक है. ब्रह्मोस की एंटी शिप, लैंड अटैक और हवा से मार करने वाली मिसाइलों को नेवी, आर्मी और एयरफोर्स पहले से ही इस्तेमाल कर रही है. इन दिनों ब्रह्मोस की पानी के अंदर मार करने वाली मिसाइल के परीक्षण का काम चल रहा है. इसे न सिर्फ भारत में पनडुब्बियों पर लगाने की योजना है बल्कि अन्य देशों को निर्यात भी किया जाएगा. समुद्र से छोड़ी जाने वाली ये मिसाइल जहाजों को निशाना बनाने में सक्षम तो हैं ही, धरती पर भी दुश्मन के ठिकानों को तबाह कर सकती है.
#WATCH | Indian Navy’s warship INS Visakhapatnam carried out a test firing of BrahMos supersonic cruise missile off the western seaboard. The warship has now reached Visakhapatnam to take part in President’s Fleet Review on February 21 pic.twitter.com/qsYUi1QHgf
— ANI (@ANI) February 18, 2022
ब्रह्मोस को तैयार करने का काम भारत-रूस के वैज्ञानिक मिलकर कर रहे हैं. ब्रह्मोस मिसाइलें 2.8 मैक यानी आवाज की गति से लगभग तीन गुना रफ्तार से उड़कर दुश्मन के ठिकानों तबाह करने की क्षमता रखती हैं. इतनी रफ्तार होने के कारण इसे पकड़ना भी मुश्किल होता है. पिछले महीने ब्रह्मोस के एडवांस वर्जन का परीक्षण किया गया था, जिसे पनडुब्बी, जहाज, विमान और जमीन कहीं से भी छोड़ा जा सकता है.