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अपने आख‍िरी पलों में इनके गाने सुन रह रही थीं लता मंगेशकर, अस्पताल में मंगवाए थे ईयरफोन


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मुंबई – भारत की स्वर कोकिला लता मंगेशकर अब हमेशा के लिए जा चुकी हैं. लता मंगेशकर का अंतिम संस्कार मुंबई के शिवाजी पार्क में हुआ. इस अंतिम संस्कार में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Pm Narender Modi) से लेकर बॉलीवुड के सुपरस्टार शाहरुख खान, आमिर खान, अनुपम खेर, लिरिसिस्ट जावेद अख्तर सहित पूर्व क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर भी पहुंचे थे. गोधुली बेला में सशस्त्र सलामी और पूरे राजकीय सम्मान के साथ लता मंगेशकर (Lata Mangeshkar Last Rite) का अंत‍िम संस्कार किया गया. भाई हृदयनाथ मंगेशकर ने लता मंगेशकर को मुखाग्नि दी. अब लता मंगेशकर (Good Bye Lata Mangeshkar) हमेशा के लिए पंचतत्व में विलीन हो गई हैं. पंडितों के मंत्र उच्चारण के बीच लता मंगेशकर को उनके भाई हृदयनाथ मंगेशकर ने मुखग्नि दी. लता मंगेशकर पंच तत्वों में विलीन हो चुकी है. बता दें कि जल, थल और वायु सेना के अधिकारियों, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, नेता-राजनेता, बॉलीवुड और स्पोर्ट्स के सेलेब्स ने मिलकर लता मंगेशकर को आखिरी अलविदा कह दिया है. मुंबई के शिवाजी पार्क में पूरे राजकीय सम्मान के साथ लता मंगेशकर का अंतिम संस्कार हो रहा है. उनके अंतिम समय में उनका परिवार उनके साथ रहा (Lata Mangeshkar Passes Away)अब बस उनकी यादें हमारे पास रह गई हैं.

लता मंगेशकर की जिंदगी पर किताब लिखने वाले हरीश भ‍िमानी ने लता जी के आख‍िरी पलों के बारे में बताया. हरीश भ‍िमानी ने कहा कि लता जी के भाई हृदयनाथ मंगेशकर ने लता के आख‍िरी दो दिनों की बात साझा की थी, दो दिन पहले जब लता जी होश में थीं तो वे वेंट‍िलेटर पर अपने प‍िता के गाने सुन रही थीं और इसके लिए उन्होंने अस्पताल में ईयरफोन मंगवाए थे.

लता मंगेशकर के जीवनीकार हरीश भ‍िमानी ने बताया कि लता दीदी अपने गाने सुनने में कतराती थीं. लता मंगेशकर को अपने गाने सुनना खास पसंद नहीं था. वह गानों को सुनने में कतराती इसलिए थीं क्योंकि उन्हें इनमें त्रुटि दिखती थी. उन्हें लगता था कि वह बहुत कुछ बेहतर कर सकती थीं. लता मंगेशकर अपनी कला में एक्सपर्ट मानी जाती थीं, लेकिन वह असल जिंदगी में एक शिष्या थीं, जो म्यूजिक के बारे में रोज कुछ ना कुछ सीख रही थीं.

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