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ओमीक्रॉन वेरिएंट के चलते टीकाकरण सलाहकार समूह की बैठक हुयी शुरू


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नई दिल्ली – देश में अभी तक कोरोना वायरस का खतरा टला तक नहीं है की बीच में अब कोरोना वायरस का नया वेरिएंट ओमीक्रॉन का खतरा बढ़ता जा रहा है। अब तक देश में कुल 21 ओमिक्रोन वेरिएंट के मामले सामने आ चुके है। इस बीच आज सोमवार को नेशनल टेक्निकल एडवाइजरी ग्रुप ऑन इम्यूनाइजेशन (NTAGI) की 11 बजे बैठक हुयी। जिसमें बच्चों को कोविड-19 वैक्सीन और कमजोर इम्युनिटी वाले लोगों को टीके की अतिरिक्त डोज देने के मुद्दे पर विचार किया जाएगा।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने बूस्टर डोज के संबंध में हाल ही में लोकसभा में बताया था कि टीकाकरण पर राष्ट्रीय तकनीकी सलाहकार समूह और COVID19 टीकाकरण पर राष्ट्रीय विशेषज्ञ समूह (NEGVAC) इस पहलू से संबंधित वैज्ञानिक प्रमाणों पर विचार कर रहे है। बैठक में कमजोर प्रतिरक्षा वाले लोगों को COVID19 की अतिरिक्त डोज देने के मुद्दे पर विचार किया जाएगा।

ऐसी श्रेणी में कैंसर का इलाज कराने वाले रोगी, प्रत्यारोपण करा चुके रोगी, एड्स रोगी आदि आते है और उनकी प्रतिरक्षा में सुधार के लिए टीके की अतिरिक्त खुराक (तीसरी डोज) की आवश्यकता होती है। विशेषज्ञों ने कहा कि ओमीक्रॉन जैसे नए वेरिएंट के उभरने के बावजूद, टीकाकरण बीमारी और संक्रमण से सुरक्षा के सबसे मजबूत तरीकों में से एक है। अधिकारियों के मुताबिक, वैक्सीन की अतिरिक्त खुराक एक बूस्टर डोज से अलग होती है। ऐसे किसी शख्स को एक पूर्वनिर्धारित अवधि के बाद बूस्टर डोज दी जाती है। शुरुआती वैक्सीनेशन के इम्यूनिटी रेस्पॉन्स में कमी आ गई है, जबकि अतिरिक्त डोज कमजोर इम्यूनिटी वाले लोगों को दी जाती है जब शुरुआती वैक्सीनेशन इन्फेक्शन और बीमारी से पर्याप्त सुरक्षा नहीं देता।

एसआईआई में सरकार और नियामक मामलों के निदेशक प्रकाश कुमार सिंह के मुताबिक भारत में कोविशील्ड की कोई कमी नहीं है और नए स्वरूपों के सामने आने के मद्देनजर बूस्टर खुराक की मांग उन लोगों के लिए है जो पहले से ही दो खुराक ले चुके है। भारतीय SARS-CoV-2 जीनोमिक्स कंसोर्टियम’ (INSACOG) ने 40 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों के लिए COVID19 टीकों की बूस्टर खुराक की सिफारिश की थी, जिसमें उनलोगों को पहली प्राथमिकता दी जाए जिनके संक्रमित होने का खतरा सबसे अधिक है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि हालांकि इस बात के कोई सबूत नहीं है कि मौजूदा वैक्सीन ओमीक्रॉन वेरिएंट पर काम नहीं करते है। सामने आए कुछ म्यूटेशन टीके की प्रभावशीलता को कम कर सकते है।

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