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खर्राटों की समस्या से है आप भी परेशान, अपनाये ये घरेलू उपाय


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मुंबई – हम में से ज्यादातर लोग इस परेशानी का सामना कर चुके है। खर्राटों के कारण साथ में सोने वालों की नींद खराब होती है और ये समस्या आजकल कॉमन हो गई है। सोते वक्त सांसों के साथ तेज आवाज और वाइब्रेशन आना खर्राटा कहलाता है। खर्राटा नींद से संबंधित एक समस्या है। खर्राटों की आवाज नाक या मुंह, किसी से भी आ सकती है। यह आवाज सोने के बाद किसी भी समय शुरू और बंद हो सकती है। खर्राटे सांस अंदर लेते समय आते है।

अधिकांश लोगों सोचते है कि खर्राटा का कोई इलाज नहीं है, लेकिन यह सोचना गलत है। आप खर्राटों की समस्या को घरेलू इलाज से दूर कर सकते है, लेकिन खर्राटे रोकने के उपाय को जानने से पहले आपको यह जानना जरूरी है कि खर्राटे क्यों आते है। दरअसल खर्राटे एक तरह की ध्वनि होती है। यह ध्वनि तब पैदा होती है, जब व्यक्ति नींद के दौरान अपनी नाक और गले के माध्यम से स्वतंत्र रूप से हवा नहीं ले पाता है। जब हवा का बहाव गले की त्वचा में स्थित ऊतकों में कंपन पैदा कर देता है। जो लोग अक्सर बहुत ज्यादा खर्राटे लेते है उनके गले और नाक के ऊतक में बहुत ज्यादा कंपन होता है। इसके अलावा व्यक्ति की जीभ की स्थिति भी सांस लेने के रास्ते में आती है जिसके कारण खर्राटों की समस्या होती है।

कभी-कभी खर्राटे लेने वालों को शर्मिंदगी का भी सामना करना पड़ता है। आयुर्वेद में खर्राटे की परेशानी से छुटकारा पाने के अनेक उपाय बताए गए है। आप इन उपायों से खर्राटे का इलाज कर सकते है। आइए जानते है कि खर्राटे का आयुर्वेदिक इलाज कैसे करें।

पुदीना का तेल :
पुदीने में कई ऐसे तत्व होते है जो गले और नाक के छेदों की सूजन को कम करने का काम करते है। इससे सांस लेना आसान हो जाता है। सोने से पहले पिपरमिंट ऑयल की कुछ बूंदों को पानी में डालकर गरारा कर लें। इस उपाय को कुछ दिन तक करते रहें। फर्क आपके सामने होगा। एक कप उबलता हुआ पानी लें। इसमें 10 पुदीने की पत्तियां डालकर ठंडा होने के लिए छोड़ दें। जब यह पानी गुनगुना पीने योग्य हो जाए, तो इसे छानकर या बिना छाने ही पिएं। इससे कुछ ही दिनों में खर्राटों की समस्या ठीक हो जाती है।

हल्दी :
हल्दी में एंटी-सेप्टिक और एंटी-बायोटिक गुण होते है। इसके इस्तेमाल से नाक साफ हो जाता है। इससे सांस लेना आसान हो जाता है। रोज रात को सोने से पहले दूध में हल्दी पकाकर (हल्दी वाला दूध) पीने से फायदा होगा।

लहसुन :
लहसुन नासिका मार्ग में बलगम के निर्माण और श्वसन प्रणाली की सूजन को कम करने में मदद करता है। अगर आप साइनस के कारण खर्राटे लेते हैं, तो लहसुन आपको राहत प्रदान करेगा। लहसुन में घाव को भरने का गुण होता है। लहसुन ब्लॉकेज को साफ करने के साथ ही श्वसन-तंत्र को भी बेहतर बनाने में मदद करता है। अच्छी और चैन की नींद के लिए लहसुन का इस्तेमाल बहुत फायदेमंद है। एक या दो लहसुन की कली को पानी के साथ लें। इस उपाय को सोने से पहले करने से आप खर्राटों से राहत पा सकते है।

ऑलिव ऑयल :
ऑलिव ऑयल एक बहुत ही कारगर घरेलू उपाय है। इसमें भरपूर मात्रा में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होता है। यह श्वसन-तंत्र की प्रक्रिया को सुचारू बनाए रखने में बहुत फायदेमंद होता है। यह दर्द को कम करने में मदद करता है। एक छोटी चम्मच ऑलिव ऑयल में सामान मात्रा में शहद मिलाकर, सोने से पहले नियमित रूप से लें। गले में कंपन को कम करने और खर्राटों को रोकने (kharate ka ilaj) के लिए इस उपाय का प्रयोग करें।

देसी घी :
विशेषज्ञों के मुताबिक नाक के बंद होने या उसके साफ न होने के चलते भी खर्राटे आने लगते है। ऐसे में नाक को साफ करने के लिए देसी घी की मदद भी ली जा सकती है। सोने से पहले गुनगुने देसी घी की कुछ बूंद नाक में डालें। कुछ दिनों में खर्राटों की समस्या दूर हो सकती है।

इलायची :
इलायची सर्दी-खांसी की दवा के रूप में काम करती है। यह श्वसन-तंत्र खोलने का काम करती है। इससे सांस लेने की प्रक्रिया आसान होती है। रात को सोने से पहले इलायची के कुछ दानों को गुनगुने पानी के साथ मिलाकर पिएं। इससे समस्या से राहत मिलती है। सोने से कम से कम 30 मिनट पहले इस उपाय को करें।

दूध का सेवन :
दूध कई बीमारियों के लिए फायदेमंद है। रात को सोने से पहले कम से कम एक कप दूध अवश्य पिएं। इससे खर्राटे आने बंद हो जाते है।

स्टीम थेरेपी :
नाक बदं होने से खर्राटों की समस्या होने लगती है। इसका सबसे अच्छा समाधान स्टीम थेरेपी है। इससे बंद नाक खुल जाता है, और खर्राटों से राहत मिलती है।

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