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बिजनेसभारत

भारतीय शेयर बाजार ने 3.166 ट्रिलियन डॉलर के मार्केट कैप के साथ ब्रिटेन को छोड़ा पीछे

नई दिल्ली : पहली बार भारतीय शेयर बाजार ने मार्केट कैप के मामले में ब्रिटिश शेयर बाजार को पीछे छोड़ा है। 3 ट्रिलियन से अधिक मील के पत्थर के साथ, भारतीय शेयर बाजार दुनिया का छठा सबसे बड़ा शेयर बाजार बन गया है।

यूक्रेन पर रूसी आक्रमण के कारण वैश्विक इक्विटी में लगातार गिरावट के बीच भारत ने यूनाइटेड किंगडम को पीछे छोड़ दिया है। ब्लूमबर्ग के आंकड़ों के मुताबिक गुरुवार को भारत का मार्केट कैप 3.16674 ट्रिलियन डॉलर था, जबकि यूके का 3.1102 ट्रिलियन डॉलर था। पिछले महीने भू-राजनीतिक तनाव बढ़ने के बाद से भारत को मार्केट कैप (एमसीएपी) के मामले में लगभग 357.05 अरब डॉलर का नुकसान हुआ है। इस बीच, ब्रिटिश बाजारों को 1 फरवरी से 10,410 अरब का नुकसान हुआ है।

यूनाइटेड स्टेट्स अमेरिका दुनिया का सबसे बड़ा बाजार है
46.01 ट्रिलियन डॉलर के मार्केट कैप के साथ दुनिया का सबसे बड़ा बाजार है। इसके बाद चीन 11.31 ट्रिलियन डॉलर, जापान 5.78 ट्रिलियन डॉलर, हांगकांग 5.50 ट्रिलियन डॉलर और सऊदी अरब 3.25 ट्रिलियन डॉलर है।

कच्चे तेल की कीमतों के रिकॉर्ड स्तर तक पहुंचने से सऊदी अरब को सीधा फायदा हुआ है। सऊदी अरब कच्चे तेल का दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा निर्यातक है। नतीजतन, पिछले एक महीने में इसका मार्केट कैप करीब 442 अरब डॉलर बढ़ गया है।

सेंसेक्स 60 हजार तक पहुंच गया था
करीब 6 महीने पहले भारतीय शेयर बाजार ने फ्रांस को पीछे छोड़ दिया था। 6 महीने पहले तक, वैश्विक बाजार पूंजीकरण में भारतीय बाजार हिस्सेदारी 2.89% थी। फ्रांस का योगदान 2.84% था। कनाडा का योगदान 2.65% था। चीन का योगदान 10.43% था जबकि जापान का योगदान 6.19% और हांगकांग का 5.39% था। सेंसेक्स पिछले साल जनवरी में 47,864 अंक पर बंद हुआ था लेकिन महज छह महीने में पहली बार 59,000 के ऊपर बंद हुआ।

यूक्रेन के राष्ट्रपति ज़ेलेंस्की ने कहा है कि वह अब नाटो सदस्यता के लिए जोर नहीं दे रहे हैं इसलिए शेयर बाजार हरे निशान पर लौट आया है। पांच राज्यों के चुनाव नतीजों पर कड़ी नजर रखते हुए गुरुवार को भारतीय बाजार हरे निशान के साथ खुला. सकारात्मक बातचीत की उम्मीद में गुरुवार को तुर्की में होने वाली यूक्रेन और रूस के विदेश मंत्रियों की बैठक से कच्चे तेल में भी राहत देखने को मिली है.

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