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इस बीमारी के चलते ऋतिक रोशन बचपन में बोल भी नहीं पाते थे, 35 साल बाद उन्हें छुटकारा मिला


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मुंबई – ऋतिक रोशन जब 6 साल के थे तो ठीक से बोल नहीं पाते थे और मारते रहते थे। उसे हिलने-डुलने की समस्या थी। इस बीमारी की वजह से ऋतिक को स्कूल जाने में शर्म आती थी। इस बारे में उन्होंने फराह खान के 2009 के शो तेरे मेरे बीच में में खुलकर बात की थी।

ऐसे बच्चे का बचपन देखकर किसी ने कल्पना भी नहीं की थी कि वह कभी ठीक से बोल पाएगा, लेकिन अपनी इच्छा शक्ति से उसने बचपन की स्वास्थ्य समस्याओं को दरकिनार कर सफलता का नया कीर्तिमान स्थापित कर दिया, उसका नाम है। ऋतिक रोशन.. अभिनेता ऋतिक रोशन ने अपनी दमदार बॉडी और अच्छी एक्टिंग के दम पर बॉलीवुड में अपना नाम बनाया है। उनके जबरदस्त डांस मूव्स लोगों का दिल जीत लेते हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि ऋतिक रोशन को एक गंभीर बीमारी है।

भाप लेने की समस्या को हकलाना भी कहते हैं। मेयोक्लिनिक के अनुसार, हकलाना एक भाषण विकार है जिसमें भाषण का सामान्य प्रवाह बाधित होता है। यह पीड़ित को एक ही शब्द को बार-बार रोकने या दोहराने का कारण बनता है। बच्चों में यह समस्या काफी आम है।

भाप लेने के लक्षण
किसी शब्द या वाक्य को शुरू करने में कठिनाई
शब्दों को काट दो
एक ही शब्द या ध्वनि की पुनरावृत्ति
एक शब्द बोलने के बाद संक्षिप्त मौन
बोलने का डर
प्रभावी ढंग से बोलने में असमर्थता
हकलाना
झपकते होंठ या जबड़ा
सिर हिलाना आदि।

कम उम्र से ही हिलने-डुलने की समस्या से निजात पाने के लिए ऋतिक ने स्पीच थेरेपी का सहारा लिया। 2012 तक उन्होंने स्पीच थेरेपी के जरिए धीरे-धीरे इस पर काबू पा लिया था। घंटों अभ्यास के बाद उन्हें अपनी कांपने की समस्या से निजात मिली और आज वह उसी तरह बोल सकते हैं। मेयोक्लिनिक के अनुसार, हकलाने का इलाज इस प्रकार किया जा सकता है। ऋतिक रोशन ने स्टमर की समस्या से छुटकारा पाने के लिए अपनी तकनीक विकसित की, उन्होंने पेज-दर-पेज, लाइन-बाय-लाइन और वर्ड-बाय-शार्प का उपयोग करके उपन्यास या अन्य किताबें जोर से पढ़ना शुरू कर दिया। शब्दों को ज़ोर से पढ़कर वह अपने शब्दों को सुन सकता है और अपना आत्मविश्वास बनाए रख सकता है।

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