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पाकिस्तान सीमा के पास जैसलमेर में MIG-21 विमान क्रैश, पायलट शहीद, इस साल पांचवीं बार हादसे का शिकार हुआ विमान


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नई दिल्ली – भारतीय वायुसेना का मिग-21 लड़ाकू विमान प्रशिक्षण उड़ान के दौरान आज शाम राजस्थान के जैसलमेर के पास दुर्घटनाग्रस्त हो (Mig-21 Crash In Jaisalmer) गया. विमान में मौजूद पायलट शहीद हो गए हैं. विंग कमांडर हर्षित सिन्हा के शहीद होने की खबर भारतीय वायुसेना की तरफ से दी गई है. बतादें कि 25 अगस्त को भी वायुसेना का मिग-21 बाइसन लड़ाकू विमान बाड़मेर में ट्रेनिंग के दौरान दुर्घटनाग्रस्त हो गया था. हालांकि विमान का पायलट सुरक्षित था. लेकिन आज हुए हादसे में पायलट (Searching For Pilot) हर्षित सिन्हा शहीद हो गए हैं.

हादसे की भयावहता को देखकर पायलट की मौत की आशंका पहले से ही जताई जा रही थी. एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि जैसलमेर में शुक्रवार रात भारतीय वायुसेना (Indian Airforce) का एक लड़ाकू विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया. जैसलमेर के एसपी अजय सिंह ने बताया कि सैम थाना क्षेत्र के डेजर्ट नेशनल पार्क इलाके में विमान दुर्घटनाग्रस्त हुआ. एसपी ने कहा कि स्थानीय पुलिस (Rajasthan Police) मौके पर पहुंच गई है और वह भी दुर्घटनास्थल की ओर जा रहे हैं. ये कोई पहली बार नहीं है जब वायुसेना का विमान हादसे का शिकार हुआ है. इससे पहले भी मिग-21 विमान हादसे का शिकार हो चुके हैं.

रिपोर्ट के मुताबिक, इस दुर्घटना ने एक बार फिर भारत के सबसे लंबे समय तक सेवा देने वाले लड़ाकू विमान के सुरक्षा रिकॉर्ड को उजागर किया है. साथ ही इसने आने वाले सालों में पुराने विमान को नए विमान के साथ बदलने की भारतीय वायुसेना की योजना पर ध्यान केंद्रित किया है. बाइसन भारतीय वायुसेना की सेवा में लगा मिग-21 का लेटेस्ट वर्जन है. वायुसेना मिग-21 बाइसन विमान के चार स्क्वाड्रन को ऑपरेट करता है. एक स्क्वाड्रन में 16 से 18 लड़ाकू जेट होते हैं.

इन अपग्रेडेड मिग-21 विमानों में से कुछ अंतिम विमानों को आने वाले तीन से चार सालों में सेवामुक्त कर दिया जाएगा. वायुसेना को 1963 में अपना पहला सिंगल-इंजन मिग-21 विमान मिला. इसने अपनी युद्ध क्षमता को बढ़ाने के लिए सोवियत मूल के सुपरसोनिक लड़ाकू विमानों (Supersonic Figter Planes) के 874 वेरिएंट को शामिल किया. भारतीय वायुसेना द्वारा शामिल किए गए 874 मिग-21 वेरिएंट में से 60 फीसदी से अधिक भारत में लाइसेंस-प्रोड्यूस्ड थे.

पिछले छह दशकों में मिग-21 से जुड़ी हुई 400 से अधिक दुर्घटनाएं हुई हैं, जिसमें 200 से अधिक पायलटों की जान गई है. इस वजह से मिग-21 विमानों को ‘फ्लाइंग कॉफिन’ (उड़ता ताबूत) और ‘विडो मेकर’ जैसी अशुभ उपाधियां मिली हुई हैं. विशेषज्ञों ने कहा है कि किसी भी अन्य लड़ाकू विमान की तुलना में अधिक मिग-21 दुर्घटनाग्रस्त हुए हैं, क्योंकि ये लंबे समय तक भारतीय वायुसेना की सूची में लड़ाकू विमानों का बड़ा हिस्सा रहे हैं. नए लड़ाकू विमानों को शामिल करने में देरी के कारण वायुसेना को अपने मिग-21 बेड़े के जरिए उड़ानों को संचालित करना पड़ा है.

दो साल पहले पाकिस्तान (Pakistan) के बालाकोट (Balakot) में आतंकी ठिकानों के खिलाफ अभूतपूर्व हमले के दौरान भी मिग-21 जहाज का इस्तेमाल किया गया था. विंग कमांडर (अब ग्रुप कैप्टन) अभिनंदन वर्धमान ने 27 फरवरी, 2019 को अपने मिग-21 बाइसन से पाकिस्तान वायु सेना (PAF) के एफ-16 को मार गिराया था. बाद में उन्हें भारत के तीसरे सबसे बड़े युद्धकालीन वीरता पुरस्कार वीर चक्र से सम्मानित किया गया.

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