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Spider Man No Way Home : स्पाइडर-मैन के फैंस के लिए है बेहद खास, पहचाने रास्तों पर लौटे स्पाइडरमैन ने फिर जमाया जलवा


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मुंबई – इस माहौल में फिल्म देखना सिनेमा के हर शौकीन की जरूरत सी बन जाता है। शर्त यही है कि ये जादू ऐसा होना चाहिए जो तीन पीढ़ियों पर एक साथ असर करे। दूरदर्शन पर स्पाइडरमैन देखने वाले और अब पचास के ऊपर या इसके करीब के दर्शकों ने अपने बच्चों को सिनेमाघरों में ले जाकर स्पाइडरमैन दिखाई। ये बच्चे अब घर के कमाऊ पूत बन चुके हैं और अपने बच्चों को थ्रीडी वाला स्पाइडरमैन दिखाने ले जा रहे हैं। मार्वेल की नई फिल्म ‘स्पाइडरमैन: नो वे होम’ इन तीनों पीढ़ियों को एक साथ साधती है और अपना करिश्मा दिखाने में कामयाब रहती है। बड़े परदे के इस हफ्ते के उत्सव में अतीत की तमाम यादें फिर से लौट आई हैं। खलनायक आ गए हैं, लेकिन क्या पुराने नायक यानी पुराने स्पाइडरमैन भी फिल्म ‘स्पाइडरमैन: नो वे होम’ में लौट रहे हैं, ये जानने के लिए आपको फिल्म देखनी होगी। और, यकीन मानिए आप निराश नहीं होंगे।

Tom Holland की फिल्म ‘स्पाइडर-मैन नो वे होम’ का दर्शक बेसब्री से इंतजार कर रहे थे। भारत में यह फिल्म अमेरिका से एक दिन पहले यानी 16 दिसंबर को रिलीज होने वाली है। इस फिल्म को लेकर दर्शकों को काफी उम्मीदें हैं, क्योंकि ट्रेलर ने पहले ही लोगों के दिलों में अपनी जगह बना ली है। ट्रेलर के मुताबिक फिल्म में कई पुराने और दिग्गज किरदार भी हैं जिन्हें देखना फैंस के लिए काफी रोमांच भरा अनुभव रहने वाला है। आइए जानते हैं ‘स्पाइडर-मैन नो वे होम’ क्या वाकई दर्शकों पर अपनी छाप छोड़ पाएगी?

फिल्म ‘स्पाइडरमैन: नो वे होम’ की कहानी वहीं से खुलनी शुरू होती है, जहां ये तीन साल पहले फिल्म ‘स्पाइडरमैन: फार फ्रॉम होम’ में आकर रुकी थी यानी कि पीटर पार्कर ही स्पाइडरमैन है, ये अब सबको पता है। पीटर पार्कर की दुनिया अब पहले जैसी नहीं रही। उसका दोस्त नेड और करीबी दोस्त एमजे उसके करीब तो हैं लेकिन पीटर को लगता है कि वह खुद अपने आप से दूर हो गया है। वह अपने परिचित एवेंजर डॉक्टर स्ट्रेंज से मिलता है और सब कुछ पहले जैसा कर देने की गुजारिश करता है। इच्छाएं इतिहास बदल देती हैं। यहां भी कुछ ऐसा ही होता है। मंत्रों की शक्तियां सिर्फ क्षैतिज दिशा में काम नहीं करतीं। वह ब्रह्मांड के गोलाकार में फैलती हैं और वे सब वापस लौटना शुरू हो जाते हैं जो ये जानते हैं कि पीटर पार्कर ही स्पाइडरमैन है। और, इसी के चलते लौट आते हैं वे सारे खतरनाक विलेन जिन्हें सैम रैमी ने स्पाइडरमैन का जीवन मुश्किल करने के लिए रचा था।

टॉम हॉलैंड से पहले स्पाइडरमैन का चोला परदे पर पहनने वाले टोबी मैग्वायर और एंड्र्यू गारफील्ड के दौर की फिल्मों ‘स्पाइडरमैन’, ‘स्पाइडमैन 2’, ‘स्पाइडरमैन 3’, ‘द अमेजिंग स्पाइडरमैन’ और ‘द अमेजिंग स्पाइडरमैन 2’ तक की कड़ियां फिल्म ‘स्पाइडरमैन: नो वे होम’ से जोड़ने में इसके निर्देशक जॉन वाट्स पूरी तरह सफल रहे हैं। और, ये करिश्मा ऐसा है कि सुबह 6 बजे इस फिल्म को देखने अपने अपने घरों से सिनेमाघरों तक पहुंचे दर्शक खुद को धन्य मानते हैं। सिनेमा ऐसा ही कौतूहल मांगता है जिसके जानने समझने के लिए दर्शक बेचैन हो जाए। दो हजार रुपये की टिकट और सुबह 6 बजे के शोज, हिंदी सिनेमा के लिए अब भी दूर की कौड़ी है। यहां अब भी निर्माता को बस एक अदद सुपरस्टार की हां की जरूरत है अपनी तिजोरी खोलने के लिए। कहानी पर उसका एतबार नहीं है। लेकिन, फिल्म ‘स्पाइडरमैन: नो वे होम’ जैसी फिल्में ये ढर्रा बदलने वाली हैं। 

फिल्म ‘स्पाइडरमैन: नो वे होम’ तकनीकी रूप से तो बेहद शानदार फिल्म है ही, इसमें टॉम हॉलैंड भी अपने करियर के उत्कर्ष पर नजर आते हैं। वह समय के साथ अपने भावों को बेहतर तरीके से प्रकट करने के मास्टर होते जा रहे हैं। एमजे के रोल में जेंडाया के साथ उनकी परदे पर जोड़ी सिनेमा के बीते दशक की बेहतरीन जोड़ियों में शुमार है। दोस्ती का नया दम ये फिल्म नेड के जरिये दिखाती है।

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