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रेलवे स्टेशन के नाम सुनकर आप भी हँसे बिना नहीं रह पाएंगे


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नई दिल्ली – देश की लाइफ लाइन बना भारतीय रेलवे स्टेशन लाखों लोगों को रोजाना यहां से वहां ले जाता है। दुनिया के सबसे विशालतम रेलवे नेटवर्क में से एक भारतीय रेलवे से जुड़ी कई रोचक कहानियां और किस्से है जो आपको हैरान कर देंगे। इसी बीच आपको कई स्टेशन पर टंगे हुए बोर्ड पर नाम भी नजर आते होंगे। इनमें से कुछ नाम बेहद अजीब होते है। इनके नाम सुनते ही आप हंस हंसकर लोटपोट हो जाएंगे।

बीबीनगर रेलवे स्टेशन :
दक्षिण-मध्य रेलवे में विजयवाड़ा डिवीजन का ये रेलवे स्टेशन तेलंगाना में मौजूद है। ये स्टेशन तेलंगाना के भुवानीनगर जिले में स्थित है। इस रेलवे स्टेशन का किसी भी व्यक्ति की बीबी से कोई लेना देना नहीं है।

दारू रेलवे स्टेशन :
दारू असल में झारखंड के हजारीबाग जिले का एक गांव है। जहां के लोकल स्टेशन का नाम इलाके के नाम पर रखा गया है।

बाप रेलवे स्टेशन :
नाम से तो आपको यही लग रहा होगा कि ये स्टेशन सभी स्टेशन का बाप होगा, लेकिन ये रेलवे स्टेशन राजस्थान के जोधपुर में स्थित एक बहुत छोटा स्टेशन है।

भोसरी रेलवे स्टेशन :
पहले भोजपुर के नाम से जाना जाने वाला भोसरी गांव महाराष्ट्र के पुणे जिले का एक फेमस इलाका है। इस नाम के रेलवे स्टेशन से भी कई रूट की ट्रेनें चलती है।

साली रेलवे स्टेशन :
इस नाम को सुनकर तो ऐसा लगता है कि बस साथ में जीजा नाम का और स्टेशन होता तो जीजा साली की जोड़ी खूब जमती। ये स्टेशन जोधपुर जिले डूडू नामक स्थान में स्थित है। यह स्टेशन उत्तरी-पश्चिमी रेलवे से जुड़ा हुआ है।

सिंगापुर रेलवे स्टेशन :
सिंगापुर के इस स्टेशन पर उतरने के लिए आपको किसी वीजा या ऑन एराइवल वीजा की जरूरत नहीं पड़ेगी। ये सिंगापुर रोड स्टेशन भारत के पूर्वी राज्य ओडिशा में है। देश की कई एक्सप्रेस ट्रेन यहां से गुजरने के साथ देश के कई रेल रूट पर चलती है।

ओढ़निया चाचा रेलवे स्टेशन :
य स्टेशन उत्तर-पश्चिम रेलवे के जोधपुर डिवीजन में पड़ता है। ये स्टेशन राजस्थान के पोखकर के बेहद करीब है। यहां ओढ़नी के साथ चाचा क्यों लगाया है, ये हमें अभी तक समझ नहीं आया है।

टट्टीखाना रेलवे स्टेशन :
ये सुनकर तो आप शायद अपनी हंसी न रोक पाएं। टट्टी खाना, जी हां ये एक साधारण जगह है, जो तेलंगाना के रंगारेड्डी जिले का एक शहर है। जिसकी आबादी 110 के आसपास है।

सूअर रेलवे स्टेशन :
भारत में वैसे आप कई जू में कई जानवर देखने को मिल जाएंगे लेकिन स्टेशन के नाम भी सूअर या काला बकरा स्टेशन रखा जाएगा ये हमें नहीं पता था। सुअर उत्तर प्रदेश के रामपुर जिले में स्थित एक गांव है। रामपुर, मुरादाबाद और अमरोहा सुअर के निकटतम बड़े स्टेशन है।

भैंसा रेलवे स्टेशन :
इस स्टेशन से ज्यादा ट्रेनें नहीं गुजरती है। इसका नाम 50,000 की आबादी वाले तेलंगाना के निर्मल जिले में स्थित भैंसा शहर के नाम पर रखा गया है।

भागा रेलवे स्टेशन :
ये रेलवे स्टेशन झारखंड में स्थित है, जहां से कई सारी ट्रेनें चलती है। ये मत सोचिएगा कि यहां पहुंचकर आपको भागना पड़ेगा, हां ट्रेन छूट रही होगी, तो भागना पड़ सकता है।

कुत्ता रेलवे स्टेशन :
कुट्टा कर्नाटक राज्य का एक छोटा सा गांव है, जो कूर्ग क्षेत्र के किनारे पर स्थित है। इस जगह की प्राकृतिक सुंदरता और वन्य जीवन रोमांच आंख को बेहद भाता है।

पनौती रेलवे स्टेशन :
यहां रहने वाले लोगों का हमेशा ‘पनौती’ टैग से मजाक उड़ाया जाता है। आपको बता दें कि पनौती उत्तर प्रदेश के चित्रकूट जिले में स्थित एक छोटा सा गांव है।

काला बकरा रेलवे स्टेशन :
ये रेलवे स्टेशन जालंधर के एक गांव में पड़ता है और इस स्टेशन का नाम सिर्फ बकरा न बोलें। ये जगह या इसका बोर्ड भी कहीं दिख जाए तो उसे फुल इज्जत देते हुए प्यार से ‘काला बकरा’ कहें।

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