नई दिल्ली – बॉलीवुड एक्ट्रेस कंगना रनौत (Kangana Ranaut) अपने बयानों को लेकर हमेशा सुर्खियों का हिस्सा बनी रहती हैं, कई बार वह अपने बयानों की वजह से परेशानियों में भी पड़ जाती हैं, हाल ही में कंगना ने सिख समुदाय के खिलाफ सोशल मीडिया पर टिप्पणी की थी जिसके बाद उनके खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज कराई गई थी, अब इस केस पर बॉम्बे हाईकोर्ट में सुनवाई हुई।
मुंबई पुलिस ने सोमवार को बंबई उच्च न्यायालय को सूचित किया कि कथित रूप से किसान आंदोलन को अलगाववादी समूह से जोड़कर सोशल मीडिया पर पोस्ट करने के मामले बॉलीवुड अभिनेत्री कंगना रनौत (Kangana Ranaut) को 25 जनवरी 2022 तक गिरफ्तार नहीं करेगी। पुलिस ने यह बयान न्यायमूर्ति नितिन जामदार और न्यायमूर्ति सारंग कोतवाल की पीठ द्वारा यह कहे जाने के बाद दिया कि यह मामला रनौत की अभिव्यक्ति की आजादी के मौलिक अधिकार के बड़े सवाल से जुडा है और अदालत उन्हें कुछ अंतरिम राहत देगी।
बॉम्बे हाईकोर्ट में कंगना के खिलाफ हुई शिकायत पर सुनवाई हुई है, जिसपर कोर्ट ने कंगना को 22 दिसंबर से पहले मुंबई पुलिस में अपना स्टेटमेंट रिकॉर्ड दर्ज करवाने के लिए कहा था। साथ ही महाराष्ट्र सरकार भी 25 जनवरी तक उसके खिलाफ कोई दंडात्मक कार्रवाई नहीं करने पर सहमत हुई है।
सिख संगठन की शिकायत के आधार पर रनौत के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई थी। शिकायतकर्ता ने दावा किया था कि कंगना ने अपने इंस्टाग्राम पोस्ट में दिल्ली की सीमा पर चल रहे किसान आंदोलन को खालिस्तानी आंदोलन के रूप में पेश किया। इसके आधार पर पुलिस ने भारतीय दंड संहिता की धारा 295ए (जानबूझकर समुदाय की धार्मिक भावनाओं को आहत करना) के तहत मामला दर्ज किया।