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भारत

विदेश मंत्रालय: हर दिन लगभग 300 लोग छोड़ रहे भारतीय नागरिकता


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नई दिल्ली – हालही में विदेश मंत्रालय की और से एक चौंका देने वाला निवेदन सामने आया है। पिछले पांच सालों में 6 लाख से ज्यादा भारतीयों ने अपनी नागरिकता छोड़ दी है। इसका मतलब हर दिन लगभग 300 लोगों ने सिटीजनशिप त्यागी है।

भारतीय नागरिकता के लिए आवेदन करने वाले और विदेशी नागरिकता के लिए आवेदन करने वाले भारतीयों की संख्या पर पिछले पांच वर्षों का डेटा लोकसभा में पेश किया गया। लोकसभा को दी गयी जानकारी के अनुसार पिछले 5 सालों में 6 लाख से अधिक लोग भारत की नागरिकता छोड़ चुके है। कुल 1,33,83,718 भारतीय नागरिक इस वक्त विदेशों में रह रहे है। इस बीच, पिछले पांच वर्षों के दौरान कुल 4,177 लोगों को भारतीय नागरिकता भी दी गई। आंकड़ों के मुताबिक 1,33,049 भारतीयों ने 2017 में 1,34,561, 2018 में 1,44,017, 2020 में 85,248 और 30 सितंबर, 2021 तक 1,11,287 भारतीयों ने भारतीय नागरिकता छोड़ दी।

पिछले पांच वर्षों में 10,645 लोगों ने भारतीय नागरिकता के लिए आवेदन किया है, जिसमें अमेरिका से 227, पाकिस्तान से 7,782, अफगानिस्तान से 795 और बांग्लादेश से 184 लोग शामिल है। बता दे की 1,106 आवेदकों को 2016 में, 817 को 2017 में, 2018 में 628 को, 2019 में 987 को और 2020 में 639 को भारतीय नागरिकता दी गई थी।

नागरिकता मनुष्य की उस स्थिति का नाम है, जिसमें मनुष्य को नागरिक का स्तर प्राप्त होता है और नागरिक केवल ऐसे ही व्यक्तियों को कहा जा सकता है जिन्हें राज्य की ओर से सभी राजनीतिक और नागरिक अधिकार प्रदान किये गये हों, और जो उस राज्य के प्रति विशेष भक्ति रखते हों। नागरिक के उपर्युक्त लक्षण को दृष्टि में रखते हुए ही हमारे संविधान में नागरिकता सम्बन्धी कुछ बातों का उल्लेख किया गया है। भारत में संविधान के तहत नागरिकता के लिए कायदा बनाया गया है। जिसमे समय समय पर जरूरत के मुताबिक बदलाव किये जाते है। भारतीय संविधान के 5 से 11 तक के अनुच्छेदों में नागरिकता सम्बन्धी व्यवस्था की गयी है। संविधान अग्रांकित श्रेणी के व्यक्तियों को नागरिकता प्रदान करता है।

भारतीय नागरिकता अधिनियम, 1955 के तहत, भारत के नागरिकों को दो देशों की नागरिकता रखने की अनुमति नहीं है। यदि किसी व्यक्ति के पास भारतीय पासपोर्ट है और वो दूसरे देश की नागरिकता भी प्राप्त कर लेता है तो उस स्थिति में उसे तुरंत भारतीय पासपोर्ट सरेंडर करना होगा। अगर किसी व्यक्ति ने विदेश में रहने के दौरान भारत की नागरिकता छोड़ दी है और वापस भारत लौटकर यहां का नागरिक बनना चाहता है तो उसके ऊपर वही नियम लागू होंगे जो नए देश में नागरिकता लेने के लिए लागू होते है। अगर कोई व्यक्ति विदेश में रहने के दौरान वहां का नागरिक बन जाता है तो उसके पास भारत की नागरिकता छोड़ने के अलावा कोई विकल्प नहीं है।

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