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Breaking: लेह के पूर्वी इलाकों में महसूस हुए 3.7 तीव्रता के भूकंप के झटके


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कश्मीर – भूकंप के झटके लगातार भारत के किसी न किसी कोने में धरती को हिला रहे है। हालही में जम्मू-कश्मीर के लेह से बड़ी खबर सामने आ रही है। लद्दाख में मंगलवार सुबह करीब 4.50 बजे भूकंप के झटके महसूस किए गए। फिलहाल जान-माल को किसी तरह के नुकसान की खबर नहीं है।

नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी के मुताबिक लेह के पूर्वी इलाकों में आए इस भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 3.7 मापी गई। वहीं भूकंप की गहराई 10 किलोमीटर थी। अभी तक झटकों के कारण किसी तरह के नुकसान की खबर नहीं है। इससे पहले भी पिछले महीने 24 अक्टूबर को भी करगिल के नजदीक भूकंप आया था और रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 4.2 मापी गई थी।

पिछले शुक्रवार को असम और मिजोरम सहित पूर्वोत्तर क्षेत्र में 6.1 तीव्रता का तेज भूकंप आया था। नेशनल सेंटर फॉर सिस्मोलॉजी द्वारा साझा किए गए आंकड़ों के अनुसार भूकंप का केंद्र मिजोरम से लगी म्यांमार की सीमा के पास था। भूकंप सवा पांच बजे आया और इसकी गहराई जमीन से 35 किलोमीटर नीचे थी। असम, मिजोरम, मणिपुर और त्रिपुरा में कई जगहों पर झटके महसूस किए गए।

राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र (NCS) भारत के पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय का एक कार्यालय है। कार्यालय भूकंप की निगरानी करता है और भूकंपीय अनुसंधान करता है। विशेष रूप से, यह सरकारी एजेंसियों को भूकंप निगरानी और खतरे की रिपोर्ट प्रदान करता है। इसमें विभिन्न विभाग होते है:
भूकंप निगरानी और सेवाएं
भूकंप खतरा और जोखिम आकलन
भूभौतिकीय प्रेक्षण प्रणाली

भारत मौसम विज्ञान विभाग के भूकंप विज्ञान प्रभाग और भूकंप जोखिम मूल्यांकन केंद्र का अगस्त 2014 में एनसीएस में विलय कर दिया गया ताकि भूकंपीय गतिविधि की अधिक प्रभावी निगरानी और अनुसंधान किया जा सके। केंद्र का उद्देश्य भूकंपीय अनुसंधान और निगरानी के माध्यम से भूकंप प्रक्रियाओं और उनके प्रभावों की समझ में सुधार करना है। जुलाई 2017 में, एनसीएस ने एक मोबाइल ऐप, “इंडियाक्वेक” जारी किया, जो वास्तविक समय में भूकंप की जानकारी का प्रसार करता है।

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