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IND vs NZ : कहां हुई भारतीय टीम से गलती


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नई दिल्ली – भारत और न्यूजीलैंड के बीच खेली जा रही 2 मैचों की टेस्ट सीरीज का पहला मैच भारतीय गेंदबाजों की जबरदस्त लड़ाई के बावजूद ड्रॉ पर खत्म हुआ। कानपुर के ग्रीनपार्क स्टेडियम में खेले गये इस मैच में भारतीय टीम ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी का फैसला किया था और श्रेयस अय्यर की शतकीय पारी के दम पर 345 रनों का स्कोर खड़ा किया।

जवाब में कीवी टीम ने जबरदस्त शुरुआत करते हुए पहले विकेट के लिये 151 रनों की साझेदारी की लेकिन अक्षर पटेल और रविचंद्रन अश्विन ने तीसरे दिन न्यूजीलैंड को 296 पर ऑल आउट कर 49 रनों की बढ़त दिला दी। दूसरी पारी में भारतीय बल्लेबाजों की शुरुआत काफी खराब रही और उसने महज 51 रन पर अपने 5 विकेट खो दिये थे लेकिन एक बार फिर से श्रेयस अय्यर ने अर्धशतकीय पारी खेलकर टीम की वापसी करायी।

भारत के लिये दूसरी पारी में साल 2007 के बाद पहली बार छठे, 7वें और 8वें विकेट के बीच लगातार 3 अर्धशतकीय साझेदारियां देखने को मिली जिसके चलते भारतीय टीम ने चौथी पारी में कीवी टीम के सामने 284 रनों का लक्ष्य रख दिया। चौथे दिन की समाप्ति तक भारत ने न्यूजीलैंड के सलामी बल्लेबाज विल यंग का विकेट भी हासिल कर लिया था और जीत से बस 9 विकेट की दूरी पर रह गया था। हालांकि 5वें दिन कीवी बल्लेबाजों ने शानदार प्रदर्शन किया और पहले 2 सेशन में सिर्फ 3 विकेट खोये और मैच को ड्रॉ की राह पर ले गये। भारत के लिये रविंद्र जडेजा ने आखिरी सेशन में शानदार गेंदबाजी कर 5 में से 4 विकेट चटकाये और जीत के करीब ले गये, लेकिन दिन का खेल खत्म होने तक आखिरी विकेट नहीं ले सके।

इस ड्रॉ के साथ न्यूजीलैंड की टीम का पिछले 10 मैचों में लगातार अजेय रहने का रिकॉर्ड बरकरार है। न्यूजीलैंड का यह विजय रथ साल 2020 में भारत के खिलाफ घर पर खेली गई टेस्ट सीरीज के साथ शुरू हुआ था, जिसके बाद से अब तक कीवी टीम ने 10 टेस्ट मैच खेल लिये हैं और एक भी मैच नहीं हारी है। इस दौरान कीवी टीम ने 8 मैचों में जीत और 2 मैचों में ड्रॉ का सामना किया है जिसमें विश्व टेस्ट चैम्पियनशिप का फाइनल भी शामिल है। वहीं भारतीय टीम के लिये साल 2017 के बाद से यह पहला घरेलू मैच रहा है जिसमें उसे ड्रॉ का सामना करना पड़ा है, इस दौरान खेले गये सभी मैचों की बात करें तो भारतीय टीम को अपने सभी मैचों में या तो जीत या फिर हार का ही सामना करना पड़ा है।

कहां हुई भारतीय टीम से गलती –
कानपुर टेस्ट में जीत के इतना करीब पहुंचने के बाद भी उसे अपनी मुट्ठी में नहीं कर पाने के बाद अब सवाल यह है कि आखिरकार भारतीय टीम से कहां गलती हुई जो वो नतीजे को अपने पक्ष में नहीं कर सकी। इसको लेकर भारत के पूर्व हरफनमौला खिलाड़ी इरफान पठान और पूर्व सलामी बल्लेबाज आकाश चोपड़ा का मानना है कि मैच के चौथे दिन जब भारतीय टीम के पास 250 रनों की बढ़त हो गई थी तो उसे पारी घोषित कर देनी चाहिये थी। अगर वो ऐसा करते तो गेंदबाजों को चौथे दिन ही 10-15 ओवर गेंदबाजी करने का मौका मिल जाता और ज्यादा विकेट लेकर आखिरी दिन दबाव बनाया जा सकता था। वहीं मैच के बाद कप्तान अजिंक्य रहाणे ने इस पर बात करते हुए कहा कि हमने 250 रनों की बढ़त जरूर हासिल कर ली थी पर मुझे लगता है कि वो स्कोर बनाया जा सकता था, अगर एक भी साझेदारी अच्छी हो जाती तो मैच को बचाना मुश्किल हो जाता। हम वो मौका लेना नहीं चाहते थे इसी वजह से बोर्ड पर अतिरिक्त रन डालने की कोशिश में हमने वो फैसला किया। मेरे हिसाब से अगर दोबारा मौका मिलता है तो भी मैं यही फैसला लेना चाहूंगा।

भारतीय टीम के लिये जीत की राह मुश्किल करने में न्यूजीलैंड के पुछल्ले बल्लेबाजों का बड़ा योगदान रहा जिन्होंने न सिर्फ अपनी टीम के लिये मैच बचाया बल्कि भारत के हाथों से जीत को बहुत दूर कर दिया। चौथे दिन जब सलामी बल्लेबाज विल यंग आउट होकर वापस लौटे थे तो समरविल को नाइट वॉचमैन के रूप में भेजा गया था, हालांकि न्यूजीलैंड के इस निचले क्रम के बल्लेबाज ने मैच के पांचवे दिन जबरदस्त बल्लेबाजी की और 110 गेंदों का सामना कर भारत के लिये पहले सत्र का खेल मुश्किल कर दिया। समरविल ने टॉम लैथम के साथ अर्धशतकीय साझेदारी की और पहले सत्र में भारतीय गेंदबाजों को वापसी करने का कोई मौका नहीं दिया। वहीं जब आखिरी सेशन में भारतीय गेंदबाजों ने वापसी करते हुए कीवी बल्लेबाजों के सामने वापसी करना शुरू किया उस वक्त न्यूजीलैंड के लिये काइल जैमिसन (30 गेंद), रचिन रविंद्र (91 बॉल) और एजाज पटेल (23) ने गेंदबाजों को छकाते हुए मैच बचाने का काम किया। भारतीय टीम के लिये पुछल्ले बल्लेबाजों का विकेट लेना पिछले 7 सालों से समस्या बना हुआ है और कई मौकों पर देखा गया है जब भारतीय टॉप ऑर्डर का विकेट लेकर मैच में आगे निकलती है लेकिन पुछल्ले बल्लेबाज अच्छी बल्लेबाजी कर भारतीय टीम के हाथ से जीत को दूर ले जाते हैं।

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