मुंबई – 26 नवंबर 2008 यही वो काला दिन था, जब आतंकवादियों ने अपने नापाक इरादों से मुंबई को दहला दिया था. आज का दिन भारतीय इतिहास के उन काले दिनों में दर्ज है, जब मुट्ठीभर भाड़े के आतंकवादियों ने देश की आर्थिक राजधानी मुंबई को खून के आंसू रुलाया था. इस दिन को मुंबई और भारत ही नहीं, बल्कि दुनिया का कोई भी शख्स नहीं भुला सकता.
इसी दिन पाकिस्तान की धरती पर ट्रेनिंग लेकर आए आतंकवादियों ने मुंबई की सड़कों, रेलवे स्टेशनों, होटलों और कैफे में लोगों पर अंधाधुंध गोलियां बरसाईं और वहां से निकली चीख-पुकार ने दुनिया को दहला दिया था. आतंकवादियों को पनाह और ट्रेनिंग देने वाले पाकिस्तान से समुद्री मार्ग के जरिए आए 10 आतंकवादियों की मुंबई में अंधाधुंध गोलीबारी के कारण 18 सुरक्षाकर्मियों सहित 166 लोगों असमय काल के गाल में समा गए.
पूरी दुनिया ने इस घटना की निंदा की थी। बॉलीवुड ने भी इस हमले के बाद अपना गुस्सा जाहिर किया था। शाहरुख खान ने इसे मुल्ला का इस्लाम बताया था।
साल 2008 में एक इंटरव्यू में शाहरुख खान ने मुंबई हमले पर कहा था, ‘तकरीबन कोई दो साल पहले मुझे कोई कहता कि आतंकवाद का इस्लाम से ताल्लुक है तो मैं मना कर देता लेकिन, अब मुझे समझ आ गया है कि आतंकवादी जिस इस्लाम को मानते हैं वह हमारा इस्लाम नहीं है। एक अल्लाह की आवाज है जो हमारी कुरान में लिखी है। उसमें कही भी ऐसा नहीं है।
शाहरुख खान आगे कहते हैं, ‘कुरान में लिखा है, ‘अगर आप मेरे एक इंसान को सही करते है तो पूरी मानवता पर उपकार करते हैं। अगर आप मेरे एक इंसान को दर्द पहुंचाते हैं तो मेरी पूरी मानवता को दर्द पहुंचाते हैं। अगर लड़ाई में भी है तो औरत, बच्चा, जानवर और फसल को नष्ट न करें। ये अल्लाह की जुबानी है। ये लोग जिस इस्लाम को फॉलो कर रहे हैं वह मुल्ला की जुबानी है। हमारे युवा पीढ़ी को सारी धार्मिक किताब का सही मायना सिखाना चाहिए।’
सलमान खान ने एक इंटरव्यू में कहा था, ‘किसी बच्चे को आप गरीबी से उठाकर ऐसी शिक्षा दें तो वह क्या करेंगे। सभी लड़के 18 से 23 साल के बीच थे। एक ने कहा मुझे डेढ़ लाख रुपए मिले। वह ये इस्लाम के लिए नहीं कर रहे हैं। इस्लाम में ये सब नहीं है। बकौल सलमान, ‘आप या तो इन लोगों की बात सुने या फिर हजरत मोहम्मद ने कुरान और हदीस में सिखाया है उसे फॉलो करें। जिन्होंने आतंकियों को ट्रेनिंग दी, नफरत करना सिखाया, जिसने फाइनेंस किया उन्हें पकड़ना चाहिए।’