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Breaking!! 62 साल बाद सुलझा बच्ची का रेप और मर्डर केस


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वाशिंगटन – हमने पुरे जीवन में कभी न कभी तो किसी से ऐसा कहते हुए जरूर सुना ही होगा की कई साल बीत जाने के बाद मर्डर और रेप केस सुलझा। जिससे पीड़िता के परिवार को न्याय मिला। लेकिन क्या आप विश्वास कर सकते है कीएक ऐसा केस जिसे सुलझाने में 62 साल का समय लग गया। ये सनसनीखेज मामला अमेरिका के वाशिंगटन का है। जिसके बारे में जानकर ही आपके रोंगटे खड़े हो जायेगे।

अमेरिका में 9 साल की बच्ची के बलात्कार और हत्या के मामले को 62 साल बाद उन्नत डीएनए तकनीक की बदौलत सुलझाया गया। उन्नत डीएनए प्रौद्योगिकी के विकास से पहले मामले को सुलझाना इतना कठिन था कि इसे स्पोकेन अधिकारियों द्वारा इसे ‘माउंट एवरेस्ट’ मामला करार दिया गया था। 1959 में अपने घर से लापता होने के बाद पीड़िता से 11 साल बड़े एक व्यक्ति ने बलात्कार किया और बाद में उसकी हत्या कर दी। सोचने की बात ये है की अमेरिका जैसा विकसित देश में एक केस की गुत्थी सुलझाने में इतना समय कैसे लग गया और ऐसा क्या था जिसकी वजह से केस उलझा रहा। आरोपी जॉन रेघ हॉफ को कभी भी दोषी नहीं पाया गया था। 1970 में उनकी मृत्यु हो गई।

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार 9 साल बच्ची कैंडी रोजर्स 1959 में स्पोकेन के वेस्ट सेंट्रल इलाके में एक कैंप फायर में गई हुई थी। कैंडी को कैंप पर जाना कफी पसंद था जहां उसने अपना स्टॉल लगाया था। कैंप खत्म होने के बाद जब देर रात वह घर नहीं लौटी तो उसके लापता होने की सूचना पुलिस को दी गई। बच्ची के लापता होने के दो हफते बाद उसकी डेड बॉडी पस के ही जंगल से मिली। जांच में पता चला की कैंडी की रेप कर उसकी हत्या की गई थी। पुलिस ने इस केस में अपनी पड़ताल सुरु कर दी थी। स्पोकेन पुलिस के एक बयान में कहा गया है कि जॉन रेघ हॉफ एक अमेरिकी सेना के सैनिक थे और स्पोकेन काउंटी में फेयरचाइल्ड एयर फोर्स बेस पर तैनात थे। यह घटना 1959 में हुई थी।

2021 में Semen सेंपल की सुरवाती जांच में Semen का सेंपल लिया गया था जिसे 2021 में टेस्टींग के लिए भेजा गया। टेस्टींग के वक्त पता चला की तिन संदिग्ध भाईयों में से एक जॉन रघ हॉफ के सेंपल से मैच हुआ था। जांचकर्ताओं ने हॉफ की बेटी से संपर्क किया जिन्होंने तुरंत सहयोग करने का वादा किया और डीएनए नमूना प्रदान किया। हॉफ की बेटी के DNA सैंपल और कैंडी रोजर्स के Semen सैंपल में काफी ज्यादा मेल खाता था। आधुनिक डीएनए सबूतों की मदद से, पुलिस ने शुक्रवार को घोषणा की कि रोजर्स का हत्यारा जॉन रेघ हॉफ था, जो अमेरिकी सेना का भगोड़ा था, जिसने 1970 में आत्महत्या कर ली थी।

अपराध सिद्ध होने से पहले ही हॉफ मर चुका था और आपराधिक मुकदमे उसके खिलाफ नहीं चला था। 62 साल पहले घटनास्थल पर रोजर्स के कपड़ों पर छोड़े गए वीर्य के नमूने हॉफ के डीएनए से मेल खाता था। आखिरकार हत्यारे की पहचान हो गई। रोजर्स की हत्या के समय हॉफ 20 साल का था। हॉफ की छोटी बहन रोजर्स की दोस्त थी जिस कारण हॉफ रोजर्स को पहले से जानता था। ह़ॉफ ने 17 साल की उम्र में सेना में प्रवेश किया और रोजर्स की हत्या के दो साल बाद उसने एक महिला के साथ मारपीट करने का दोषी पाया गया। हॉफ को इस कारण छह महीने जेल में बिताने पड़े और उसके चलते हॉफ को सेना से निकाल दिया गया। बता दे की हॉफ ने अपना शेष जीवन डोर-टू-डोर सेल्समैन के रूप में काम किया और 31 साल की उम्र में आत्महत्या कर ली।

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