2023 के आखिरी तक 6G भारत में देगा दस्तक: केंद्रीय मंत्री का बड़ा बयान
मुंबई – भारत में करोड़ो लोगो को 5जी का इंतजार है, मगर उसकी लॉन्चिंग से पहले ही 6G को लॉन्च करने की जानकारी सामने आ रही है। कुछ रिपोर्ट्स में खुलासा किया गया है कि 5G की कमर्शियली रोलआउट से पहले ही 6G का ट्रायल शुरू होने जा रहा है। केंद्रीय संचार मंत्री अश्विनी वैष्णव ने एक महत्वपूर्ण बयान दिया है।
फाइनेंशियल टाइम्स और द इंडियन एक्सप्रेस द्वारा आयोजित ऑनलाइन, एजेंडा-सेटिंग वेबिनार की चौथी सीरीज ‘न्यू टेक्नोलॉजी एंड द ग्रीन इकोनॉमी: टू ट्रेंड्स शेपिंग ए न्यू इंडिया?’ कार्यक्रम के दौरान केंद्रीय संचार मंत्री ने कहा कि भारत 6G तकनीक को तैयार कर रहा है। इस तकनीक को लेकर जो भी उपकरण और डिवाइस तैयार किए जा रहे है, या जो भी भविष्य में इस्तेमाल होंगे, वे सभी भारत में ही तैयार किए जाएंगे। इसे साल 2023 या 2024 में देखा जा सकता है। इस तकनीक को भारत में शुरू करने के बाद विश्वभर में वितरण करेंगे। 6G विकास पहले ही शुरू हो चुका है। हमने भारत में नेटवर्क चलाने के लिए टेलीकॉम सॉफ्टवेयर, भारत में निर्मित दूरसंचार उपकरण डिजाइन किए है जोकि वैश्विक किये जा सकते है।
रिपोर्ट के मुताबिक भारत में 6G को लेकर तैयारियां शुरू हो गई है और इसकी स्पीड 5G की तुलना में 50 गुना तेज होगी। यानि 6G में यूजर्स को जबरदस्त इंटरनेट स्पीड मिलेगी। बता दे की सरकार ने भारत में 6G नेटवर्क पर काम करने के लिए तैयारी शुरू कर दी है और इसकी जिम्मेदारी विभाग (DoT) ने सरकारी टेलिकॉम रिसर्च कंपनी C-DoT को सौंपी गई है। साथ ही सरकार ने C-DoT को 6G नेटवर्क से जुड़ी तकनीकी संभावनाओं को तलाशने का भी निर्देश दिया है। जल्द ही बाजार में 6G नेटवर्क पर आधारित स्मार्टफोन दस्तक देंगे। इनमें Samsung, LG और Huawei जैसी कई दिग्गज कंपनियों के नाम शामिल है और इन कंपनियों ने 6G पर काम करना शुरू कर दिया है।
भारत में अभी तक 5G नेटवर्क का ट्रायल चल रहा है, जबकि दक्षिण कोरिया, चीन और अमेरिका में 5G नेटवर्क ने कमर्शियल तौर पर 2019 में ही दस्तक दे दी थी। जबकि भारतीय यूजर्स को अभी इसके लिए इंतजार करना पड़ेगा। 6G तकनीक के तहत इंटरनेट की स्पीड 20 GB प्रति सेकंड तक की हो सकती है। 6G उच्च फ्रीक्वेंसी के जरिये हमें हाई स्पीड इंटरनेट की सुविधा मुहैया कराने में कारगर होगी और इसके कारण लेटेंसी को कई हद तक कम भी किया जा सकेगा। 6G के लांच होने पर इमेज प्रोसेसिंग, लाइव लोकेशन, आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस जैसी तकनीक को बढ़ावा मिलेगा और इन्हे काफी तेज़ी से काम करने में भी मदद मिलेगा।