x
लाइफस्टाइल

ये आदतें आपको तेजी से बना रहा बूढ़ा, हो जाये सावधान


सरकारी योजना के लिए जुड़े Join Now
खबरें Telegram पर पाने के लिए जुड़े Join Now

नई दिल्ली – हर इंसान में कोई न कोई बुरी आदतें होती है। ये आदतें ना सिर्फ हमारी सेहत के लिए हानिकारक हैं, बल्कि एजिंग प्रोसेस को भी तेज करती हैं. अगर हम अपने लाइफस्टाइल का ख्याल रखें तो एजिंग प्रोसेस की रफ्तार को कम किया जा सकता है. पब्लिक हेल्थ न्यू मेक्सिको स्टेट यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर डॉ. जगदीश खुबचंदानी ने ऐसी पांच बुरी आदतों के बारे में बताया है जो इंसान की उम्र तेजी से बढ़ाने का काम करती हैं.

स्मोकिंग और ड्रिंकिंग – स्ट्रेस या एन्जाइटी से बचने के लिए बहुत से लोग एल्कोहल, तंबाकू या ड्रग्स जैसी चीजों का सेवन करने लगे हैं. इससे युवा पीढ़ी ज्यादा आकर्षित हो रही है. इनके ओवरडोज से इंसान की मौत तक हो सकती है, लेकिन इससे भी पहले, इसका लगातार और ज्यादा सेवन हमें तेजी से बुढ़ापे की ओर धकेलता है. ये दिमाग और वजन से जुड़ी समस्याओं को बढ़ाकर एज फैक्टर के साथ खिलवाड़ करती है.

खराब डाइट – तेजी से बढ़ती उम्र के लिए खराब डाइट भी काफी हद तक जिम्मेदार है. डॉ. खुबचंदानी का कहना है कि 21वीं सदी में सोडा, प्रोसेस्ड फूड और फैटी फूड जैसी चीजें हमारी डाइट का बड़ा हिस्सा बनी हैं और हमारी जीवन प्रत्याशा दर में कटौती के लिए यह सबसे ज्यादा जिम्मेदार है.

स्ट्रेस – एक्सपर्ट ने कहा, ‘किसी भी बात को लेकर ज्यादा चिंता करने से लोग जल्दी बूढ़े हो सकते हैं. वे किसी दिमागी या शारीरिक बीमारी का भी शिकार हो सकते हैं. हमें ये महसूस नहीं होता है, लेकिन तनाव एक बेहद जानलेवा और साइलेंट किलर है. इसलिए लंबे समय तक जवां रहना है तो बहुत ज्यादा तनाव लेने से बचें.’

एक्टिव ना रहना – एक्सरसाइज ना करना या दैनिक जीवनचर्या में शरीर को पर्याप्त एक्टिव ना रखने का असर सीधा हमारी सेहत पर पड़ता है. एक्सपर्ट कहते हैं कि इंसान के एक्टिव ना रहने से उसे बीमारियां जल्दी घेरती हैं और वो तेजी से बुढ़ापे की ओर बढ़ता है. एक्सरसाइज ना करने के बायोलॉजिकल, साइकोलॉजिकल और फिजिकल तीनों तरह के प्रभाव होते हैं.

पर्याप्त नींद ना लेना – पर्याप्त नींद ना लेना भी एक बड़ी समस्या है जिसका तनाव से गहरा कनेक्शन है. नींद हमें फिर से जवां और तनाव मुक्त रहने में मदद करती है और एजिंग प्रोसेस को धीमा करती है. हालांकि कुछ लोग इसे गंभीरता से नहीं लेते हैं. युवाओं में यह दिक्कत काफी तेजी से बढ़ रही है, जिसके साइड इफेक्ट्स भविष्य में देखने को मिल सकते हैं.

Back to top button