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कृषि कानूनों की वापसी के बाद कैप्टन अमरिंदर का बड़ा फैसला


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नई दिल्ली – पिछले एक साल से जिन कृषि कानूनों को लेकर देश के अंदर किसानों का आंदोलन चल रहा था उन कानूनों को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वापस लेने का ऐलान किया है। प्रकाश पर्व के मौके पर की गई इस घोषणा का अभी तक लगभग सभी विपक्षी दलों ने तहे दिल से स्वागत किया है। इस बीच हाल ही में अपनी नई पार्टी का ऐलान करने वाले पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने भी पीएम का उनकी घोषणा के लिए धन्यवाद किया है।

उन्होंने कहा कि वे भाजपा से सीट शेयरिंग करके विधानसभा चुनाव में उतरेंगे। कैप्टन ने पहले ही कहा था कि जैसे ही कृषि कानून रद्द होंगे और किसान आंदोलन खत्म होगा, तो वे भाजपा के साथ मिलकर चुनावी ताल ठोकेंगे। अब यह बात तय भी हो गई है कि सूबे में साढ़े तीन महीने बाद होने वाले चुनाव कैप्टन भाजपा के साथ मिलकर ही लड़ेंगे। कैप्टन अमरिंदर सिंह ने खुशी जताई कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किसानों की बात सुनकर उनकी चिंता समझी और कृषि कानून रद्द करने की घोषणा कर दी। उन्होंने कहा, ‘मैं लगातार इस मुद्दे को उठाता रहा और केंद्र सरकार से मिलता रहा।’

PM मोदी की घोषणा के बाद कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा, ‘पंजाब में आज हमारे लिए यह बहुत बड़ा दिन है। मैं इस मामले को एक साल से ज्यादा समय से उठा रहा था। इसको लेकर PM मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मिला। उनसे गुजारिश करता रहा कि वे अन्नदाता की आवाज सुनें। बहुत खुशी है कि उन्होंने किसानों की बात सुनी और हमारी चिंताओं को समझा।’

कैप्टन ने कहा कि यह सिर्फ किसानों के लिए बड़ी राहत नहीं है, बल्कि पंजाब के आगे बढ़ने के लिए भी रास्ता खुला है। अब वे भाजपा की अगुआई वाली केंद्र सरकार के साथ किसानों के विकास के लिए काम करेंगे। उन्होंने पंजाब के किसानों से वादा किया कि वे तब तक आराम नहीं करेंगे, जब तक पंजाब के हर एक आदमी की आंखों के आंसू न पोंछ दें।

गुरु नानक जयंती के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश को संबोधित करने आए। उनके इस संबोधन की पहले से जानकारी नहीं दी गई थी। पीएम ने कानूनों का वापस लेने का ऐलान करते हुए कहा कि हम तीनों कृषि कानूनों को किसानों के हित के लिए लाए थे, लेकिन हम कुछ किसानों को इन कानूनों के बारे में बेहतर तरीके से समझा नहीं पाए। पीएम मोदी ने कहा कि तीन कृषि कानूनों का लक्ष्य किसानों, खासकर छोटे किसानों को सशक्त बनाना था।

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