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तालिबान में इस साल भूख से मर सकते हैं 10 लाख अफगानी बच्चे


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काबुल – अफगानिस्तान में तालिबान शासन के आने पर महिलाओं और बच्चों पर गाज गिरनी शुरू हो गई है. अगर विश्व स्वास्थ्य संगठन की हालिया रिपोर्ट को मानें तो युद्धग्रस्त अफगानिस्तान में लाखों की संख्या में बच्चे इस साल के अंत तक भूख से मर सकते हैं. इस आसन्न त्रासदी को लेकर डब्ल्यूएचओ ने दुनिया का ध्यान फिर से खींचा है. संगठन ने कहा है कि सर्दी के मौसम में अफगानिस्तान में तापमान कम होगा और भूख से बिलखते बच्चे जान गंवा सकते हैं. इसके पहले बीते महीने संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट ने चेताया था कि अब तक लगभग 1.9 करोड़ अफगान लोगों को गंभीर खाद्य संकट से जूझना पड़ा है. इस रिपोर्ट में यह आशंका भी जाहिर की गई थी कि नवंबर-दिसंबर के महीने में अफगानिस्तान की आधी से ज्यादा आबादी के सामने गंभीर खाद्य संकट मौजूद रहेगा.

अफगानिस्तान में तालिबान सरकार आने के बाद से खाद्य संकट गहरा गया है. इसे देख कुछ दिनों पहले ही तालिबान सरकार ने लोगों को काम के बदले अनाज देने का कार्यक्रम लांच किया है. बीते महीने ही संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट कहा गया था कि अब तक करीब 1.9 करोड़ अफगान लोगों को विकट खाद्य संकट से जूझना पड़ा है. रिपोर्ट ने चेताया था कि नवंबर-दिसंबर महीने में देश की आधी से ज्यादा आबादी के सामने विकट खाद्य संकट मौजूद होगा. अमरेकी अखबार न्यूयॉर्क पोस्ट की रिपोर्ट में कहा गया था कि देश के प्रमुख शहरों के बाहर मौजूद तालिबान लड़ाकों को खाने के लिए काफी कम खाना मिल पा रहा है. वो ट्रकों में या कहीं जमीन पर सोते हैं. उनके पास रहने के लिए कोई घर नहीं है और वो किसी भी तरह से अपनी जिंदगी को बचा रहे हैं और तालिबान के पास पैसे नहीं हैं कि वो अपने लड़ाकों की मदद कर सके.

विश्व स्वास्थ्य संगठन ने हालिया रिपोर्ट में कहा है कि करीब 32 लाख अफगानी बच्चे साल के अंत तक कुपोषण के शिकार होंगे. इनमें भी करीब दस लाख बच्चों पर मौत का खतरा मंडरा रहा है. डब्ल्यूएचओ की प्रवक्ता मार्गरेट हैरिस ने कहा कि देश में फैलते संकट के बीच ये एक बड़ी लड़ाई होगी. काबुल में मौजूद हैरिस ने कहा कि देश के कुछ इलाकों में रात को तापमान जीरो डिग्री सेल्सियस तक पहुंचने लगा है. हालांकि हैरिस के पास अफगानिस्तान में भूख से जान गंवा चुके बच्चों का कोई आंकड़ा नहीं है. हालांकि हाल-फिलहाल अस्पतालों के वार्ड छोटे बच्चों से भरे हुए हैं. चेचक के मामले भी अफगानिस्तान में बढ़ रहे हैं. आंकड़ों की भाषा में कहें तो 24 हजार से ज्यादा चेचक के मामले अब तक सामने आ चुके हैं.

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