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‘भीख’ में आजादी’ वाले बयान पर फंसी कंगना! पद्मश्री वापस लेने की मांग तेज


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मुंबई – बॉलीवुड अभिनेत्री कंगना रनौत के ‘भीख में आजादी’ वाले बयान की देशभर में निंदा हो रही है। अभिनेत्री के खिलाफ शिकायत भी दर्ज की गयी है, जबकि कुछ लोगों ने सड़कों पर उनके पुतले भी फूंके. रनौत से पद्मश्री वापस लेने की मांग भी तेज हो रही है. दिल्ली बीजेपी के एक नेता के साथ ही अलग-अलग राजनीतिक दलों के लोगों और स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के वंशजों ने कंगना के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. साथ ही उनसे पद्मश्री पुरस्कार वापस लेने की मांग की जा रही है.

बिहार के मुजफ्फरपुर जिले में हक-ए-हिंदुस्तान मोर्चा ने आक्रोश मार्च निकालकर कंगना रनौत का पुतला फूंका। प्रदर्शन में शामिल लोगों ने कंगना के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। साथ ही विवादित बयान के लिए माफी मांगने और पद्मश्री अवार्ड वापस लेने की मांग की। संगठन के सदस्य तमन्ना हाशमी ने कहा कि अभिनेत्री कंगना रनौत का बयान देश की आजादी के लिए कुर्बानी देने वाले और शहादत देने वाले आजादी के क्रांतिकारियों का अपमान है। उन्होंने कहा कि यह बयान देश विरोधी है। आक्रोशित लोगों ने भारत सरकार से अविलंब पद्मश्री सम्मान को वापस लेने की बात कही।

दरसअल, बुधवार को कंगना रनौत ने निजी समाचार चैनल पर आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान 1947 में मिली भारत की आज़ादी पर टिप्पणी करते हुए कहा था कि 1947 में भारत को जो आज़ादी मिली थी वो आज़ादी नहीं भीख थी. असली आज़ादी हमें साल 2014 में मिली है. उनके इसी बयान पर बवाल मचा हुआ है.

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