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अब नहीं चलेंगी चीन की एक भी चाल! भारत ने लद्दाख में तैनात किए 4 इजरायली ड्रोन


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नई दिल्ली – अब चीन की सेना लद्दाख सीमा के इस पार या उस पार भारत के खिलाफ कोई ‘नापाक’ हरकत करेगी तो तुरंत पता चल जाएगा. भारतीय सेना को इजरायल ने ऐसे ड्रोन्स दिए हैं, जिनके कैमरे, सेंसर्स और राडार किसी बाज की नजरों की तरह तेज हैं. इनका नाम हेरोन ड्रोन्स (Heron Drones) है. भारतीय सेना ने चार हेरोन ड्रोन्स को लद्दाख सेक्टर में तैनात कर दिया है. अब ये आसमान से ही चीनी सेना की हरकतों का एक्स-रे करते रहेंगे. चीन की हर गतिविधि की जानकारी भारतीय सेना और इंटेलिजेंस को मिलती रहेगी.

एक रिपोर्ट के मुताबिक, शीर्ष सरकारी सूत्रों ने बताया कि निगरानी के लिए लद्दाख में एलएसी पर चार ड्रोन तैनात किए गए हैं। ये चारो नए ड्रोन वर्तमान में सबसे अधिक एडवांस हैं। सूत्रों ने कहा कि एडवांस ड्रोन की एंटी-जैमिंग क्षमता उनके पिछले संस्करणों की तुलना में काफी बेहतर है। सूत्रों ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार द्वारा रक्षा बलों को दी गई आपातकालीन वित्तीय शक्तियों के तहत ड्रोन हासिल किए गए थे। भारतीय सेना जल्द ही अमेरिका से प्रीडेटर ड्रोन हासिल करेगी, जिससे देश की मानवरहित निगरानी और हमले की क्षमता को और बढ़ावा मिलेगा।

इन ड्रोन्स को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की इमरजेंसी फाइनेंसियल पावर के तहत मंगाया गया है. ताकि देश की सुरक्षा को लेकर किसी तरह का समझौता न किया जाए. हेरान ड्रोन्स को इजरायल एयरोस्पेस इंडस्ट्रीज ने बनाया है. यह एक मीडियम एल्टीट्यूड लॉन्ग एंड्योरेंस अनमैन्ड एरियल व्हीकल है. बता दें कि भारत संयुक्त राज्य अमेरिका से लगभग 21,000 करोड़ रुपये के 30 प्रीडेटर ड्रोन प्राप्त करने के काफी करीब है। लंबे समय से इसकी प्रतीक्षा की जा रही है। करीब 21,000 करोड़ रुपये के इस अधिग्रहण पर चर्चा के लिए हाल ही में रक्षा मंत्रालय में एक उच्च स्तरीय बैठक हुई। ड्रोन उन्नत प्रणालियों और हथियारों के पैकेज से लैस होंगे और लंबी दूरी की निगरानी और सटीक हमलों को सक्षम करेंगे। भारत की ड्रोन खरीदारी सूची में MQ-9B के SeaGuardian/SkyGuardian वेरिएंट शामिल हैं। रिपोर्टों में कहा गया है कि भारतीय सेना, नौसेना और वायु सेना में से प्रत्येक को अनुकूलित निर्देशों के साथ प्रत्येक को 10 ड्रोन मिलेंगे।

खासियत –
हेरोन ड्रोन (Heron Drone) एक बार हवा में उठा तो 52 घंटे तक उड़ान भरने में सक्षम है. यह जमीन से 35 हजार फीट यानी साढ़े दस किलोमीटर की ऊंचाई पर बेहद शांति से उड़ता रहता है. इसे नियंत्रित करने के लिए जमीन पर एक ग्राउंड स्टेशन बनाया जाता है. जिसमें मैन्युअल और ऑटोमैटिक कंट्रोल सिस्टम होता है. यह ड्रोन किसी भी मौसम में उड़ान भरने में सक्षम है.

हेरोन ड्रोन (Heron Drone) में कई तरह के सेंसर्स और कैमरा लगे हैं. जैसे- थर्मोग्राफिक कैमरा यानी इंफ्रारेड कैमरा जो रात में या अंधेरे में देखने में मदद करते हैं. इसके अलावा विजिबल लाइट एयरबॉर्न ग्राउंड सर्विलांस जो दिन की रोशनी में तस्वीरें लेता है. साथ ही इंटेलिजेंस सिस्टम्स समेत कई तरह के राडार सिस्टम लगे है.

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