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कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक आज, संगठन चुनाव कराने को लेकर हो सकता है फैसला


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नई दिल्ली – राजनीतिक चुनौतियांऔर संगठनात्मक कमजोरियां झेल रही देश की सबसे पुरानी राजनीतिक पार्टी के लिए आज का दिन बेहद अहम माना जा रहा है। कांग्रेस की आज कार्यसमिति की बैठक है। पार्टी के अंदर चल रही तनातनी और उठाए जा रहे सवालों के बीच कांग्रेस कार्यसमिति की शनिवार को होने जा रही महत्वपूर्ण बैठक में पार्टी अध्यक्ष समेत संगठन चुनाव कराने की प्रक्रिया शुरू करने का फैसला लिया जा सकता है।

सबसे पहले पार्टी का सदस्यता अभियान शुरू करने का फैसला लिए जाने के संकेत हैं। बैठक में आगामी विधानसभा चुनाव और लखीमपुर खीरी कांड एजेंडे में शीर्ष पर रहेंगे। इसके साथ ही राजनीतिक और कृषि समेत तीन प्रस्ताव भी पारित किए जाएंगे। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक-ये भी कहा जा रहा है कि इस बैठक में कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद को लेकर भी कोई बड़ा फैसला लिया जा सकता है। कांग्रेस पार्टी की यह बैठक जी-23 समूह के नेताओं की ओर से संवाद की मांग और हाल ही कई नेताओं के पार्टी छोड़ने के मद्देनजर बुलाई गई है।

कार्यसमिति की आज हो रही बैठक में 56 सदस्यों को न्योता दिया गया है, जिसमें राज्यों के प्रभारी और विशेष आमंत्रित सदस्य भी शामिल है। अहमद पटेल और मोतीलाल वोरा के निधन के बाद कार्यसमिति में अभी 20 सदस्य है। पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह इस समय अस्वस्थ है और उनके बैठक में शामिल होने की संभावना नहीं है।

कोरोना महामारी के बाद से यह कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) की पहली बैठक होगी। यह बैठक ऐसे समय हो रही है जब कांग्रेस की राज्य इकाइयों जैसे पंजाब, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में पार्टी के भीतर घमासान मचा हुआ है। बैठक में कांग्रेस के मुख्यमंत्रियों अशोक गहलोत (राजस्थान), भूपेश बघेल (छत्तीसगढ़) और चरणजीत चन्नी (पंजाब) के मौजूद रहने की उम्मीद है। मई 2019 में पार्टी की लोकसभा में हार के मद्देनजर राहुल गांधी के इस्तीफा देने के बाद सोनिया गांधी ने अगस्त 2019 में अंतरिम कांग्रेस अध्यक्ष के रूप में पदभार संभाला था।

जी 23 समूह ने पूर्णकालिक और सक्रिय पार्टी अध्यक्ष के साथ-साथ एक संगठनात्मक बदलाव की मांग की थी। G-23 समूह के नेताओं- गुलाम नबी आजाद और कपिल सिब्बल ने सीडब्ल्यूसी की बैठक बुलाने की मांग की थी, जिसमें गुलाम नबी आजाद ने सोनिया गांधी को पत्र लिखकर कहा था कि पार्टी से जुड़े मामलों पर चर्चा के लिए कांग्रेस कार्य समिति की तत्काल बैठक बुलाई जाए। वहीं, वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल ने पंजाब कांग्रेस में मचे घमासान के बीच पार्टी नेतृत्व पर सवाल खड़े किए थे।

आपको बता दे की कांग्रेस पिछले डेढ़ साल से नए पार्टी अध्यक्ष के चुनाव की मांग से परेशान है, लेकिन विरोधाभास यह है कि यह अवधि वास्तव में पार्टी को निर्धारित चुनावी कैलेंडर 2022 के अंत के करीब लेकर पहुंच गई है। कांग्रेस में पिछला आंतरिक चुनाव 2017 दिसंबर में 5 साल की अवधि के लिए हुआ था, लेकिन राहुल गांधी ने लोकसभा चुनावों में पराजय के बाद मई 2019 में बीच में ही अध्यक्ष पद छोड़ दिया था।

राज्यसभा में विपक्ष के पूर्व नेता गुलाम नबी आजाद ने भी कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को को पत्र लिखकर जल्द ही सीडब्ल्यूसी की बैठक बुलाने को कहा था। पार्टी ने 22 जनवरी को आयोजित सीडब्ल्यूसी की बैठक में फैसला किया था कि जून 2021 तक कांग्रेस का नियमित अध्यक्ष चुन लेगी, लेकिन 10 मई को होने वाली सीडब्ल्यूसी की बैठक में कोरोना महामारी की वजह से टाल दिया गया था।

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