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जानिए 18 वर्ष से कम आयु के बच्‍चों के लिए कब शुरू होगा वैक्‍सीनेशन


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नई दिल्ली – भारत बायोटेक भी बच्चों पर कोवैक्सिन का तीसरे फेज का कब का ट्रायल पूरा कर चुकी है। सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया भी 2 से 12 साल की उम्र के बच्चों पर कोवावैक्स का दूसरे-तीसरे फेज का ट्रायल कर रही है। भारत जैसे घनी आबादी वाले देश में बच्चों का वैक्सीनेशन जल्द से जल्द होना जरूरी है।

दुनिया के कई देश बच्चों के लिए टीके को मंजूरी दे चुके है। हालांकि इनमें अधिकतर देशों ने 12 वर्ष अधिक की उम्र के बच्‍चों के लिए वैक्‍सीन को मंजूरी दी है। वहीं इससे कम उम्र के बच्‍चों के लिए वैक्‍सीन की मंजूरी देने वाले कुछ ही देश है। भारत ने बच्चों की कोरोना वैक्सीन को लेकर बड़ी उपलब्धि हासिल की है। अब देश में जल्द ही 2 से 18 साल के बच्चों को भी कोविड वैक्सीन लगाई जाएगी। देश की दवा निंयत्रक संस्था ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DGCI) ने बच्चों की कोरोना वैक्सीन को मंजूरी दे दी है। यह भारत बायोटेक और भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR) की तरफ से निर्मित कोवैक्सिन ही है।

आपको बता दे की सब्जेक्ट एक्सपर्ट कमेटी (SEC) ने कोवैक्सीन को 2-18 वर्ष के बच्चों के लिए इमरजेंसी के तौर पर इस्‍तेमाल करने की इजाजत दे दी है। SEC ने इसकी मंजूरी भारत बायोटेक द्वारा किए गए दूसरे व तीसरे चरण के ट्रायल का डाटा के आधार पर दी है। ट्रायल में बच्चों पर वैक्सीन का कोई साइड इफेक्ट देखने को नहीं मिला है। लेकिन इसको अभी DCGI (ड्रग कंटोलर जनरल आफ इंडिया) की स्वीकृति मिलना बाकी है। इसके बाद ही इसको राष्ट्रीय टीकाकरण अभियान में शामिल किया जा सकेगा। बच्चों को इस वैक्सीन की दो डोज दी जाएगी। अभी 18 वर्ष से ऊपर की उम्र के व्यस्कों को भी कोवैक्सिन की दो डोज ही दी जा रही है।

इससे पहले भारत में 12 से 18 साल के बच्चों के लिए जायडस कैडिला की स्वदेशी वैक्सीन जायकोव-डी को मंजूरी दी जा चुकी है। हालांकि जायडस कैडिला के जायकोव-डी की उत्पादन क्षमता फिलहाल 10 करोड़ डोज सालाना है। इस वजह से माना जा रहा है कि बच्‍चों के टीकाकरण में इससे गति नहीं मिल सकेगी। इसकी तीन डोज देनी होंगी। ऐसे में देश के करीब 14 करोड़ बच्‍चों के टीकाकरण में समय काफी लग जाएगा। इसको मांसपेशियों की बजाय त्वचा में दिया जाता है। इसके लिए पूरे देश में व्यवस्था बनाने में समय लग रहा है।

सरकार बीमार बच्चों को पहले टीका लगाने की गाइडलाइंस तैयार कर रही है। पहले चरण में उन बच्चों को वैक्सीन डोज दी जाएगी जो गंभीर बीमारियों से पीड़ित है। बच्चों को वैक्सीन देने से उन्हें स्कूल जाने में भी कोई उहापोह की स्थिति नहीं रहेगी। माता-पिता बिना किसी डर या चिंता के अपने बच्चों को स्कूल भेज सकेंगे। कोरोना की तीसरी लहर जब भी आएगी, छोटे बच्चे ही प्रभावित होंगे क्योंकि उन्हें वैक्सीन नहीं दी गई है।

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