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आज का पंचांग: जानिये आज के दिन के शुभ मुहूर्त और राहुकाल का समय


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मुंबई – हिंदू पंचांग को वैदिक पंचांग के नाम से जाना जाता है। पंचांग के माध्यम से समय एवं काल की सटीक गणना की जाती है। पंचांग मुख्य रूप से पांच अंगों से मिलकर बना होता है। ये पांच अंग तिथि, नक्षत्र, वार, योग और करण है।

यहां हम दैनिक पंचांग में आपको शुभ मुहूर्त, राहुकाल, सूर्योदय और सूर्यास्त का समय, तिथि, करण, नक्षत्र, सूर्य और चंद्र ग्रह की स्थिति, हिंदूमास एवं पक्ष आदि की जानकारी देते है। आज प्रतिपदा तिथि (पहला दिन), अश्विना, शुक्ल पक्ष (चंद्र चक्र का वैक्सिंग या उज्ज्वल चरण), गुरुवर/बृहस्पतिवार (गुरुवार), विक्रम संवत 2078 है। इसके अलावा, नवरात्रि का शुभ त्योहार आज से शुरू हो रहा है। सूर्योदय (सूर्योदय), सूर्यास्त (सूर्यस्त) का समय, शुभ (शुभ), अशुभ (अशुभ) मुहूर्त, राहु काल, और आज का पंचांग के लिए यहाँ जानिए।

आश्विन शुक्ल पक्ष षष्ठी, आनन्द संवत्सर विक्रम संवत 2078, शक संवत 1943 (प्लव संवत्सर), आश्विन। षष्ठी तिथि रात 11 बजकर 50 मिनट तक उपरांत सप्तमी। नक्षत्र ज्येष्ठा दोपहर 12 बजकर 56 मिनट तक उपरांत मूल। सौभाग्य योग सुबह 11 बजकर 49 मिनट तक, उसके बाद शोभन योग। करण कौलव दोपहर 01 बजे तक, बाद तैतिल रात 11बजकर 51 मिनट तक, बाद गर। दोपहर 12 बजकर 56 मिनट तक चन्द्रमा वृश्चिक उपरांत धनु राशि पर संचार करेगा।

हर सुबह पंचांग की पूजा करना और पढ़ना महत्वपूर्ण है क्योंकि यह शुभ और अशुभ समय निर्धारित करने में मदद करता है। अभिजीत मुहूर्त को सबसे शुभ मुहूर्त माना जाता है। यह नई शुरुआत करने के लिए आदर्श है। विजय मुहूर्त और गोधुली मुहूर्त भी समान रूप से अनुकूल है। हालांकि, कोई भी नया उद्यम शुरू करने या शुभ कार्य के लिए घर से बाहर निकलने के लिए राहु काल से बचना चाहिए।

सूर्य और चंद्रमा का समय :
सूर्योदय – 6:23 AM
सूर्यास्त – 5:51 PM
चन्द्रोदय – Oct 11 11:31 AM
चन्द्रास्त – Oct 11 9:55 PM

आज का शुभ मुहूर्त :
अभिजीत मुहूर्त- सुबह 11 बजकर 45 मिनट से 12 बजकर 31 मिनट तक।
विजय मुहूर्त- दोपहर 2 बजकर 4 मिनट से 2 बजकर 50 मिनट तक।
निशीथ काल- मध्य रात्रि 11 बजकर 43 मिनट से 12 बजकर 33 मिनट तक।
गोधूलि बेला- शाम 5 बजकर 44 मिनट से 6 बजकर 8 म‍िनट तक।
ब्रह्म मुहूर्त- अगले दिन 4 बजकर 40 मिनट से 5 बजकर 29 मिनट तक।
रव‍ि योग- दोपहर में 12 बजकर 56 मिनट से अगले दिन सुबह 6 बजकर 20 म‍िनट तक।

राहुकाल का समय :
राहुकाल- सुबह 7 बजकर 30 मिनट से 9 बजे तक।
यमगंड- सुबह 10 बजकर 30 म‍िनट से 12 बजे तक।
गुलिक काल- दोपहर 1 बजकर 30 मिनट से 3 बजे तक।
दुर्मुहूर्त काल- दोपहर में 12 बजकर 31 मिनट से 1 बजकर 17 मिनट तक। उसके बाद दोपहर में 2 बजकर 50 मिनट से 3 बजकर 36 मिनट तक।

हिन्दू काल गणना के अनुसार ‘चन्द्र रेखांक’ को ‘सूर्य रेखांक’ से 12 अंश ऊपर जाने के लिए जो समय लगता है, वह तिथि कहलाती है। एक माह में तीस तिथियां होती हैं और ये तिथियां दो पक्षों में विभाजित होती है। शुक्ल पक्ष की आखिरी तिथि को पूर्णिमा और कृष्ण पक्ष की अंतिम तिथि अमावस्या कहलाती है। तिथि के नाम – प्रतिपदा, द्वितीया, तृतीया, चतुर्थी, पंचमी, षष्ठी, सप्तमी, अष्टमी, नवमी, दशमी, एकादशी, द्वादशी, त्रयोदशी, चतुर्दशी, अमावस्या/पूर्णिमा।

एक तिथि में दो करण होते हैं। एक तिथि के पूर्वार्ध में और एक तिथि के उत्तरार्ध में। ऐसे कुल 11 करण होते हैं जिनके नाम इस प्रकार है – बव, बालव, कौलव, तैतिल, गर, वणिज, विष्टि, शकुनि, चतुष्पाद, नाग और किस्तुघ्न। विष्टि करण को भद्रा कहते है और भद्रा में शुभ कार्य वर्जित माने गए है। वार का आशय दिन से है। एक सप्ताह में सात वार होते है। ये सात वार ग्रहों के नाम से रखे गए है – सोमवार, मंगलवार, बुधवार, गुरुवार, शुक्रवार, शनिवार, रविवार।

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