x
लाइफस्टाइल

आज है नवरात्री का पांचवा दिन, स्कंदमाता की इस विधि से करें पूजा


सरकारी योजना के लिए जुड़े Join Now
खबरें Telegram पर पाने के लिए जुड़े Join Now

मुंबई – देश में 7 अक्टूबर से नवरात्री का पवन त्यौहार शुरू हो चूका है। इस त्यौहार को पुरे देश में बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। नवरात्रि के नौ दिनों में मां के नौ रूपों की पूजा- अर्चना की जाती है।

नवरात्रि दो ऋतुओं के संधिकाल में स्वयं को तराशने व निखारने वाला बेहद विलक्षण और अदभुत नौ दिवसीय पर्व है। अश्विन माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा से नवमी तक का यह महापर्व मानव की आंतरिक ऊर्जाओं के भिन्न-भिन्न पहलुओं का प्रतिनिधित्व करती है। इनको ही मान्यताएं नौ प्रकार की या देवियों की संज्ञा देती है। शैलपुत्री, ब्रह्मचारिणी, चंद्रघंटा, कूष्माण्डा, स्कंदमाता, कात्यायनी , कालरात्रि, महागौरी, सिद्धिदात्री, ये दरअसल किसी अन्य लोक में रहने वाली देवी से पहले मनुष्य की अपनी ही ऊर्जा के नौ निराले रूप है।

10 अक्टूबर को पांचवी नवरात्रि है। नवरात्रि के पांचवे दिन मां के पंचम स्वरूप माता स्कंदमाता की पूजा-अर्चना की जाती है। मां अपने भक्तों पर पुत्र के समान स्नेह लुटाती है। मां की उपासना से नकारात्मक शक्तियों का नाश होता है। मां का स्मरण करने से ही असंभव कार्य संभव हो जाते है। स्कंदमाता कमल के आसन पर विराजमान है, इसी कारण उन्हें पद्मासना देवी भी कहा जाता है। मां स्कंदमाता को पार्वती एवं उमा नाम से भी जाना जाता है। मां की उपासना से संतान की प्राप्ति होती है। मां का वाहन सिंह है। मां स्कंदमाता सूर्यमंडल की अधिष्ठात्री देवी है।

मां स्कंदमाता की पूजा- अर्चना करने से ज्ञान में वृद्धि होती है। स्वास्थ्य संबंधित परेशानियों से भी छुटकारा मिल सकता है। आत्मविश्वास में वृद्धि होती है। मां स्कंदमाता जीवन में आने वाले संकटों को भी दूर करती है।

पूजा विधि :
सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि से निवृत्त होने के बाद साफ- स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
मां की प्रतिमा को गंगाजल से स्नान कराएं।
स्नान कराने के बाद पुष्प अर्पित करें।
मां को रोली कुमकुम भी लगाएं।
मां को मिष्ठान और पांच प्रकार के फलों का भोग लगाएं।
मां स्कंदमाता का अधिक से अधिक ध्यान करें।
मां की आरती अवश्य करें।

शुभ मुहूर्त :
ब्रह्म मुहूर्त- 04:40 AM से 05:29 AM
अभिजित मुहूर्त – 11:45 AM से 12:31 PM
विजय मुहूर्त – 02:04 PM से 02:51 PM
गोधूलि मुहूर्त – 05:45 PM से 06:09 PM
रवि योग – 02:44 PM से 07:54 PM

Back to top button