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कर्णाटक के मुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री ने की मनसुख मंडाविया से की मुलाकात


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नई दिल्ली – हालही में कर्णाटक के स्वास्थ्य मंत्री के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई और राज्य के स्वास्थ्य मंत्री डॉ के सुधाकर ने केंद्रीय मंत्री मनसुख मंडाविया से राज्य के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों (PHCs) के अप-ग्रेडेशन को लेकर नई दिल्ली में मुलाकात की।

इस मुलाकात के पीछे का उदेश्य राज्य के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों (PHCs) के अप-ग्रेडेशन के लिए राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (NHM) के तहत अतिरिक्त धन आवंटन की मांग की बात की थी। पुरे देश में लंबे अरसे से सर्वव्यापी कोरोना टीकाकरण का कार्यक्रम चल रहा है। जिसके तहत अब तक देश के कई नागरिको को कोरोना वैक्सीन के दोनों डोज़ दिए जा चुके है। केंद्र ने कर्नाटक को कोविड19 टीकों की और अधिक खेप की आपूर्ति करने का वादा किया है, क्योंकि दिसंबर के अंत तक 70 फीसदी पात्र लोगों को दूसरी खुराक दिये जाने का लक्ष्य है। पिछले महीने तक राज्य में 1.48 करोड़ लोगों का टीकाकरण किया जा चुका है।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री के साथ मुलाकात ख़त्म होने के बाद डॉ के सुधाकर ने कहा की केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने COVID19 प्रबंधन में कर्नाटक के प्रयासों की सराहना की। राज्य में टीके की 50 लाख से ज्यादा खुराक का भंडार है। 82 प्रतिशत आबादी को टीके की पहली खुराक और 37 प्रतिशत को दूसरी खुराक मिल गयी है। राज्य सरकार सभी PHCs को अपग्रेड और आधुनिक बनाने की योजना बना रही है। हमने इसे लागू करने के लिए राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत अतिरिक्त धन आवंटन की मांग की है। केंद्र ने हमारे अनुरोध पर सकारात्मक प्रतिक्रिया दी है। हमने राज्य भर के सभी ट्रॉमा केयर, सेकेंडरी केयर के अप-ग्रेडेशन की भी बात की है। सुधाकर ने आगे कहा कि राज्य सरकार बच्चों के लिए टीकों पर केंद्र के दिशानिर्देशों का इंतजार कर रही है।

मुख्यमंत्री बोम्मई ने इस मुलाकात के बारे में कहा की मंत्री ने हमें आश्वस्त किया है कि जरूरत पड़ने पर वह हमें और टीकों की खुराक देंगे। हमारे पास 51 लाख खुराक का भंडार है और एक विशेष अभियान चलाया जा रहा है। हम लोगों को दूसरी खुराक देने पर ध्यान दे रहे है। दिसंबर के अंत तक कर्नाटक का लक्ष्य 90 प्रतिशत लोगों को पहली खुराक तथा 70 फीसद लोगों को दूसरी खुराक देना है। इस अभियान के लिये केंद्र ने सहयोग का पूरा आश्वासन दिया है।

आपको बता दे की राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (NHM) को भारत सरकार द्वारा 2013 में राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन और राष्ट्रीय शहरी स्वास्थ्य मिशन को मिलाकर शुरू किया गया था। इसे मार्च 2018 में आगे बढ़ा दिया गया और मार्च 2020 तक जारी रखा गया। इसका नेतृत्व मिशन निदेशक करते हैं और भारत सरकार द्वारा नियुक्त राष्ट्रीय स्तर के मॉनिटरों द्वारा इसकी निगरानी की जाती है।

NRHM ने कम सेवा वाले क्षेत्रों में स्वास्थ्य देखभाल ठेकेदार प्रदान किए हैं, और राज्यों द्वारा निर्धारित रणनीतिक रूप से स्थित सुविधाओं पर डॉक्टरों के कौशल सेट का विस्तार करने के लिए प्रशिक्षण में शामिल किया गया है। इसी तरह, नर्सिंग स्टाफ और एएनएम जैसे सहायक कर्मचारियों के क्षमता निर्माण को भी उचित महत्व दिया जाता है। एनएचएम स्वास्थ्य सुविधाओं जैसे PHC, CHC और जिला अस्पतालों में आयुष सेवाओं के सह-स्थान का भी समर्थन करता है।

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