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बिना राशन कार्ड के भी पा सकेंगे मुफ्त में गेंहू और चावल


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नई दिल्ली – मुफ्त में अनाज पाने वाले ग्राहकों के लिए सरकार एक बहोत बड़ी खुशखबरी लेकर आयी है। जब पूरा देश कोरोना वायरस की वैश्विक महामारी के सामने जूझ रहा था तब से ‘सब का साथ सब का विकास’ के मंत्र के साथ सबको साथ में लेकर चलने वाली मोदी सरकार ने प्रवासी मजदूरों और गरीबों के लिए मुफ्त अनाज योजना के तहत मुफ्त में अनाज देने की घोषणा की थी। क्यूंकि त्योहारों का ये समय, जरूरतें भी बढ़ाता है, खर्चे भी बढ़ाता है। इन सभी बातों को ध्यान में रखते हुए ये फैसला लिया गया है कि प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना का विस्तार अब दीवाली और छठ पूजा तक, यानि नवंबर महीने के आखिर तक कर दिया जाए।

मोदी सरकार ने एक बार फिर से प्रवासी मजदूरों और गरीबों के लिए मुफ्त अनाज योजना की अवधि नवंबर तक बढ़ा दी है। जिससे कई गरीब परिवारों को लाभ मिलेगा। जिनके पास राशन कार्ड नहीं है उनको भी 5 किलो मुफ्त गेंहू या चावल और एक किलो चना दिया जाएगा। इसके साथ-साथ अगर आप राशन कार्ड बनवाना भी चाह रहे है तो जिस राज्य में आप रह रह रहे हैं उस राज्य के नजदीकी जन सुविधा केन्द्र पर जाकर या ऑनलाइन तरीके से राशन कार्ड बनवा सकते है। आपको बता दे की प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना पार्ट-2 के तहत इस योजना का ऐलान किया गया है।

केंद्रीय खाद्य और आपूर्ति मंत्री रामविलास पासवान ने 1 जुलाई को कहा था की प्रधानमंत्री जी ने 30 जून 2020 को राष्‍ट्र के नाम किए गए अपने संबोधन में देश की मौजूदा स्‍थितियों और आगामी महीनों में देश में होने वाले त्‍यौहारों को देखते हुए प्रधानमंत्री गरीब कल्‍याण अन्‍न योजना (PMGKAY) का आगामी 5 माह यानी नवम्‍बर 2020 तक विस्‍तार कर दिया है। इसके तहत देश के 80 करोड़ से अधिक NFSA लाभुकों को उनकी मासिक पात्रता के अलावा प्रति व्‍यक्ति 5 किलो गेहूं अथवा चावल तथा प्रत्‍येक परिवार को 1 किलो चना उपलब्‍ध कराया जाना जारी रहेगा। इस संबंध में विभाग द्वारा दिनांक 30 जून 2020 को राज्‍य सरकारों को आदेश जारी कर दिए गए है और सभी राज्‍यों को कहा गया है कि अगले 5 महीने के लिए वितरण तुरन्‍त प्रभाव से प्रारम्‍भ किया जाए।

अगर किसी के पास राशन कार्ड नहीं है तो उसे अपना आधार ले जाकर रजिस्ट्रेशन कराना होगा, जिसके बाद उन्हें एक स्लिप दिया जाएगा। उस स्लिप को दिखाने के बाद उन्हें मुफ्त अनाज मिलेगा। इसके लिए राज्य सरकारों की भी जिम्मेदारी तय की गई है। राज्य सरकारें गरीब मजदूरों को मुफ्त राशन का लाभ सुनिश्चित कराएं। इस योजना को नंवबर तक लागू करने में 90 हजार करोड़ का अतिरिक्त खर्च आएगा। जब से ये योजना शुरू हुई है तब से नवंबर तक इसमें डेढ़ लाख करोड़ तक का खर्च आएगा।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कोरोना वायरस महामारी की रोकथाम के लिये ‘लॉकडाउन’ के प्रभाव से लोगों को बचाने के लिये पिछले महीने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना (PMGKY) योजना की घोषणा की थी। कुल 1.70 लाख करोड़ रुपये के पैकेज के तहत सरकार ने गरीबों को मुफ्त में राशन, महिलाओं और गरीब वरिष्ठ नागरिकों तथा किसानों को नकद सहायता देने आदि की घोषणा की थी। इसमें पीएम किसान स्कीम के तहत 8 करोड़ किसानों के खाते में सीधे रकम ट्रांसफर हुई है।

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