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RBI बढ़ा सकता है रेपो रेट,महंगे हो सकते हैं लोन


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नई दिल्ली – लंबे समय से चले आ रहे सस्ते लोन का दौर खत्म हो सकता है। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) अगले हफ्ते ब्याज दरों को बढ़ा सकता है। ब्याज दरें बढ़ी तो घर, कार और अन्य सभी तरह के कर्ज महंगे हो जाएंगे। RBI मॉनिटरी पॉलिसी की बैठक की घोषणा 8 अक्टूबर को करेगा।

रेपो दर में 15 bps की वृद्धि की घोषणा हो सकती है। इस समय रेपो रेट 4% और रिवर्स रेपो रेट 3.50% है। पिछले सात बार यानी 14 महीने से RBI ने दरों में कोई बदलाव नहीं किया है। RBI हर दो महीने में एक बार मीटिंग करता है। सिटीग्रुप ने उम्मीद जताई है कि RBI 8 अक्टूबर को रेपो रेट को बढ़ाने का फैसला कर सकता है। हालांकि यह उम्मीद थी कि दिसंबर में रेपो रेट बढ़ेंगे।

सिटीग्रुप के अर्थशास्त्री समीरन चक्रवर्ती और बकार जैदी ने गुरुवार को एक नोट में लिखा कि RBI के गवर्नर शक्तिकांत दास संभवत: 8 अक्टूबर को रेपो दर में 15 bps की वृद्धि की घोषणा कर सकते हैं। रेपो रेट उसे कहते हैं, जिस रेट पर RBI बैंकों को पैसा देता है। हालांकि रिजर्व बैंक की नीति लंबे समय तक ग्रोथ को समर्थन करने वाली ही रहेगी।सिटीग्रुप के अर्थशास्त्रियों ने कहा कि उम्मीद से पहले RBI लिक्विडिटी ऑपरेशन को सामान्य बना सकता है। अब जब चूंकि महामारी से आई इमरजेंसी खत्म हो रही है, ऐसे में सस्ती नीति को जारी रखने की खास जरूरत नहीं है।

जानकारों का मानना है कि अगर RBI रेट को बढ़ाता है तो फिर अगले साल मार्च तक हो सकता है कि दो बार रेट बढ़ जाए। अक्टूबर के बाद दिसंबर में और फिर फरवरी में भी रेट बढ़ सकता है। हालांकि फरवरी में काफी कुछ बजट पर निर्भर करेगा।

र दिन की बात करें तो 30 सितंबर को FII ने बाजार से 2,225 करोड़ रुपए की शुद्ध निकासी की जबकि 29 को 1,446 करोड़, 28 को 1,957 और 27 सितंबर को 594 करोड़ रुपए की निकासी बाजार से की थी। हालांकि FII का पैसा निकालने का रुझान अप्रैल से ही है। अप्रैल में इन निवेशकों ने बाजार से 12,039 करोड़ रुपए, मई में 6,015 करोड़ रुपए, जून में 26 करोड़, जुलाई में 23,139 करोड़ और अगस्त में 2,568 करोड़ रुपए निकाले थे। मतलब चालू वित्तवर्ष में विदेशी निवेशकों ने केवल 2200 करोड़ रुपए का शुद्ध निवेश बाजार में किया है।

सिटीग्रुप ने कहा है कि कई देश के सेंट्रल बैंक कोरोना के समय जो राहत के उपाय किए थे, वह उपाय वापस ले रहे हैं। ऐसे में RBI भी इन देशों के क्लब में आ जाएगा, जो राहत उपाय को वापस ले सकता है।​​​​​दरअसल अर्थव्यवस्था में रिकवरी दिखने लगी है। कई सारे सेक्टर में मांग अच्छी आ रही है। साथ ही कई सारे सेक्टर अच्छा प्रदर्शन भी कर रहे हैं। ऐसे में धीरे-धीरे अब राहत उपायों को वापस लिए जाने की शुरुआत होगी। रिकवरी के साथ महंगाई का भी लेवल अब कम हो रहा है।

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