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मोदी आज स्वच्छ भारत अर्बन 2.0 और अमृत 2.0 मिशनों को करेंगे लॉन्च


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नई दिल्ली – देश के प्रधानमंत्री मोदी देश के नागरिको को दो मिशनों की बड़ी भेट देने जा रहे है। नरेंद्र मोदी आज ऐतिहासिक पहल के तहत नई दिल्ली स्थित अंबेडकर इंटरनेशनल सेंटर में स्वच्छ भारत मिशन-शहरी 2.0 (SBM) और इसके साथ ही कायाकल्प एवं शहरी सुधार के लिए अटल मिशन 2.0 का शुभारंभ करेंगे। इस अवसर पर आवास एवं शहरी मामलों के केन्‍द्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी एवं राज्य मंत्री तथा राज्यों एवं केन्‍द्रशासित प्रदेशों के शहरी विकास मंत्री भी उपस्थित रहेंगे। इस मिशन के शुभारम्भ के बारे में मोदीजी ने कल अपने ट्विटर अकाउंट पर ट्वीट करके दी थी।

ये मिशन भारत में तेजी से शहरीकरण की चुनौतियों का प्रभावी ढंग से समाधान करते है। SBM-U 2.0 और AMRUT 2.0 मिशन के पीछे का उद्देश्य भारत के सभी शहरों को ‘कचरा मुक्त’ और ‘पानी सुरक्षित’ बनाना है। स्वच्छ भारत और अमृत मिशन ने पिछले छह से सात वर्षों में लोगों के जीवन में परिवर्तनकारी बदलाव लाए है। एसबीएम-यू 2.0 और अमृत 2.0 को हमारे सभी शहरों को ‘कचरा मुक्त’ और ‘जल सुरक्षित’ बनाने की आकांक्षा को साकार करने के लिए तैयार किया गया है। ये प्रमुख मिशन भारत में तेजी से शहरीकरण की चुनौतियों का प्रभावी ढंग से समाधान करने की दिशा में एक कदम आगे बढ़ने का संकेत देने के साथ-साथ सतत विकास लक्ष्य 2030 की उपलब्धि में योगदान करने में भी मददगार होंगे।

स्वच्छ भारत मिशन का उद्देश्य सभी भारतीय शहरी शहरों को ‘कचरा मुक्त’ बनाना है। स्वच्छ भारत मिशन के तहत 35 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के शहरी क्षेत्र खुले में शौच मुक्त हो गए है। देश भर में 73 लाख से अधिक शौचालय बनाए गए हैं, जिससे स्वास्थ्य और स्वच्छता में सुधार हुआ है। स्वच्छ भारत मिशन 2.0 से शौचालय निर्माण की गति को और तेज किया जाएगा। इस मिशन के कार्यक्रम के तहत उच्च फुटफॉल क्षेत्रों में आकांक्षात्मक शौचालय बनाए जाएंगे। इस योजना के तहत अब 97 प्रतिशत घरों में घर-घर जाकर कचरा संग्रहण की सुविधा उपलब्ध है। सभी शहरी स्थानीय निकायों को ओडीएफ+ और 1 लाख से कम जनसंख्‍या वाले को ओडीएफ++ के रूप में तैयार करने की परिकल्पना करता है, जिससे शहरी क्षेत्रों में सुरक्षित स्वच्छता के लक्ष्‍य को पूरा किया जा सके। मिशन के तहत ठोस अपशिष्ट के स्रोत पृथक्करण, 3-आर, रिड्यूस (कम करें) रियूज (पुन: उपयोग), रिसाइकल (पुर्नचक्रण) के सिद्धांतों का उपयोग करने, सभी प्रकार के शहरी ठोस कचरे के वैज्ञानिक प्रसंस्करण और प्रभावी ठोस अपशिष्ट प्रबंधन के लिए डंपसाइट के सुधार पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा।

अमृत ​​2.0 मिशन ने पिछले छह वर्षों में एक करोड़ 10 लाख नल कनेक्शन और 85 लाख सीवर कनेक्शन जोड़कर जल सुरक्षा सुनिश्चित की। अमृत 2.0 का लक्ष्य लगभग 2.64 करोड़ सीवर/सेप्टेज कनेक्शन प्रदान करके लगभग 2.68 करोड़ नल कनेक्शन और 500 अमृत शहरों में सीवरेज और सेप्टेज का शत-प्रतिशत कवरेज करते हुए, लगभग 4,700 शहरी स्थानीय निकायों में सभी घरों में पेयजल की आपूर्ति का शत-प्रतिशत कवरेज प्रदान करना है, जिससे शहरी क्षेत्रों में 10.5 करोड़ से अधिक लोगों को लाभ होगा। अमृत ​​2.0 मिशन शहरों को आत्मनिर्भर बनाने और जल सुरक्षा सुनिश्चित करने की दिशा में एक बड़ा कदम साबित होगा। इस मिशन के तहत लोगों को बेहतर पानी उपलब्ध कराने के लिए पेयजल सर्वेक्षण कराया जाएगा। इस मिशन से देश के शहरी क्षेत्रों के 10.5 करोड़ से अधिक लोगों को लाभ होगा। शहरों के बीच प्रगतिशील प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देने के लिए ‘पेयजल सर्वेक्षण’ आयोजित किया जाएगा। अमृत ​​2.0 का परिव्यय लगभग 2.87 लाख करोड़ रुपए है।

एसबीएम-यू और अमृत ने पिछले सात वर्षों के दौरान शहरी परिदृश्य को बेहतर बनाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। इन दोनों प्रमुख मिशनों ने नागरिकों को जल आपूर्ति और स्वच्छता की बुनियादी सेवाएं प्रदान करने की क्षमता में वृद्धि की है। स्वच्छता आज जन आंदोलन बन गया है। सभी शहरी स्थानीय निकायों को खुले में शौच से मुक्त (ओडीएफ) घोषित कर दिया गया है और 70 प्रतिशत ठोस कचरे को अब वैज्ञानिक रूप से संसाधित किया जा रहा है। अमृत ​​1.1 करोड़ घरेलू नल कनेक्शन और 85 लाख सीवर कनेक्शन जोड़कर जल सुरक्षा सुनिश्चित करने में जुटा है। यह नवीनतम वैश्विक तकनीकों और कौशल का लाभ उठाने के लिए जल प्रबंधन और प्रौद्योगिकी उप-मिशन में डेटा-आधारित शासन को बढ़ावा देगा। शहरों के बीच प्रगतिशील प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देने के लिए ‘पे जल सर्वेक्षण’ आयोजित किया जाएगा।

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