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भारत आये अमेरिका के दो प्रमुख अधिकारियों पर हवाना सिंड्रोम का साया पड़ा


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नई दिल्ली – बर्न्स और उनकी टीम ने 7 सितंबर को भारत यात्रा पर आयी थी,इस दौरान वे राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद सचिवालय के शीर्ष सदस्यों से मुलाकात की थी, भारत से प्रतिनिधिमंडल पाकिस्तान गया, जहां बर्न्स ने पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल कमर बाजवा से मुलाकात की. बर्न्स की भारत यात्रा को गुप्त रखा गया था और यात्रा पर दोनों पक्षों की ओर से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया था।

इस महीने उनकी भारत यात्रा के दौरान उन्हें चिकित्सा सहायता लेनी पड़ी. पिछले एक महीने में ऐसा दूसरी बार है जब अमेरिका के दो प्रमुख अधिकारियों पर हवाना सिंड्रोम का साया पड़ा हो, पिछले महीने उपराष्‍ट्रपति कमला हैरिस का वियतनाम दौरा भी इसी खतरे की वजह से कुछ वक्‍त के लिए टालना पड़ा था।

करीब पांच साल पहले क्‍यूबा की राजधानी हवाना स्थित अमेरिकी दूतावास में तैनात अधिकारी एक-एक करके बीमार पड़ने लगे, मरीजों ने कहा कि उन्‍होंने होटल के कमरों या घरों में अजीब सी आवाजें सुनीं और शरीर में अजीब सी सेंसेशन महसूस की. इस अजीबोगरीब बीमारी को ‘हवाना सिंड्रोम’ नाम दिया गया। शुरुआती मामले सीआईए अधिकारियों में थे, इसलिए सीक्रेट रखे गए,मगर धीरे-धीरे बात फैलने लगी और साथ ही ‘हवाना सिंड्रोम’ का डर भी. अब तक करीब 200 अमेरिकी अधिकारियों और उनके फैमिली मेंबर्स को हवाना सिंड्रोम से पीड़‍ित पाया गया है।

हवाना सिंड्रोम से प्रभावित अमेरिकी अधिकारियों ने बताया है कि उनके कानों को ढंकने पर भी वे चुभने वाली चीखों की भिनभिनाहट की आवाज़ें सुनते थे, दूसरों ने अपनी खोपड़ी पर तीव्र दबाव महसूस करने की सूचना दी है,सिंड्रोम से प्रभावित लोगों ने महीनों तक चक्कर और थकान का अनुभव किया।

सीआईए के एक प्रवक्ता ने बर्न्स की भारत यात्रा से संबंधित घटना पर टिप्पणी करने से इनकार किया है, भारतीय अधिकारियों की ओर से भी इस पर तत्काल कोई प्रतिक्रिया नहीं आई. सीआईए प्रमुख ने 15 अगस्त को तालिबान द्वारा अफगानिस्तान पर कब्ज़ा करने के बाद अफगानिस्तान के भविष्य पर चर्चा के लिए आये थे।

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