गेहूं की MSP 40 रुपये बढ़कर 2,015 रुपये हुयी प्रति क्विंटल
नई दिल्ली – बुधवार को मिली यूनियन कैबिनेट ने चालू फसल वर्ष के लिए गेहूं पर न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) 40 रुपये बढ़ाकर 2,015 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया। सरकार खरीफ और रबी दोनों मौसम में उगाई जाने वाली 23 फसलों के लिए एमएसपी तय करती है।
भारत हर साल घरेलू किसानों को खराब बिक्री और आपातकालीन जरूरतों के लिए स्टॉक अनाज से बचाने के लिए एक मूल्य निर्धारित करता है। यह अनाज का उपयोग गरीबों को कम कीमत में भोजन उपलब्ध कराने के लिए भी करता है। पिछले वर्ष की तुलना में एमएसपी में सबसे अच्छी वृद्धि मसूर और रेपसीड और सरसों के लिए 400 रुपये प्रति क्विंटल चने के लिए 130 रुपये प्रति क्विंटल की दर से करने की सलाह दी गई है। कैबिनेट ने फसल वर्ष 2021-22 (जुलाई-जून) और 2022-23 विज्ञापन सत्र के लिए छह रबी फसलों के लिए एमएसपी वृद्धि को मंजूरी दी।
खरीफ (गर्मी के समय) फसलों की कटाई के तुरंत बाद अक्टूबर से रबी (सर्दियों) फसलों की बुवाई शुरू हो जाती है। गेहूं और सरसों रबी की प्रमुख फसलें है। पिछले साल गेहूं पर एमएसपी 50 रुपये बढ़ाकर 1,975 रुपये प्रति क्विंटल किया गया था। रबी सीजन (आरएमएस) 2022-23 के लिए गेहूं के एमएसपी में बढ़ोतरी पिछले साल की तुलना में महज 2 फीसदी ज्यादा है। वर्ष 2022-23 के लिए केंद्र की गेहूं उत्पादन की कीमत 1,008 रुपये प्रति क्विंटल अनुमानित है। सरकार ने 2021-22 के रबी विज्ञापन सीजन के दौरान 43 मिलियन टन से अधिक गेहूं की खरीद की है।
2022-23 के विज्ञापन सत्र के लिए रबी फसलों के एमएसपी में वृद्धि केंद्रीय वित्त 2018-19 की घोषणा के अनुरूप है, जिसमें उत्पादन के सामान्य मूल्य के कम से कम 1.5 गुना के स्तर पर एमएसपी तय करने की घोषणा की गई है। किसानों को उनके उत्पादन की कीमत पर प्रत्याशित रिटर्न गेहूं और सरसों (प्रत्येक में 100 प्रतिशत), मसूर (79 प्रतिशत), चना (74 प्रतिशत) द्वारा अपनाया जाने के मामले में सबसे अधिक है।