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Breaking News: वैज्ञानिकों ने तीन सुपरमैसिव ब्लैक होल के विलय की खोज की


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नई दिल्ली – विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग ने हालही में एक एहम जानकारी साझा की। भारतीय वैज्ञानिकों ने कई आकाशगंगाओं से तीन सुपरमैसिव ब्लैक होल के विलय की खोज की है, जो ट्रिपल सक्रिय गैलेक्टिक न्यूक्लियस बनाते है।

ब्लॉक होल नाभिक का निर्माण कर रहे हैं, जो एक नई आकाशगंगा के केंद्र में एक कॉम्पैक्ट क्षेत्र है जिसमें सामान्य से अधिक चमक होती है। सुपरमैसिव ब्लैक होल का पता लगाना मुश्किल है क्योंकि वे कोई प्रकाश उत्सर्जित नहीं करते है। इस तरह के छोटे विलय कई एक्रिटिंग सुपरमैसिव ब्लैक होल का पता लगाने के लिए आदर्श होते हैं, क्योंकि वे कोई प्रकाश उत्सर्जित नहीं करते है। खगोल भौतिकीविदों की एक टीम NGC7733 और NGC7734, एक ज्ञात अंतःक्रियात्मक आकाशगंगा जोड़ी का अध्ययन कर रही थी। जिसमे पता लगाया की पूर्व की उत्तरी भुजा के साथ एक बड़ा, चमकीला झुरमुट। आकाशगंगा NGC7733 की तुलना में झुरमुट एक अलग वेग से आगे बढ़ रहा था।

भारतीय खगोल भौतिकी संस्थान, जिसमें ज्योति यादव, मौसमी दास, और सुधांशु बारवे के साथ-साथ कॉलेज डी फ्रांस के फ्रेंकोइस कॉम्ब्स, चेयर गैलेक्सीज एट कॉस्मोलोजी, पेरिस के शोधकर्ताओं द्वारा आगे की जांच के बाद, उन्होंने पाया कि यह एक छोटी, अलग आकाशगंगा थी। यह झुरमुट NGC7733 का हिस्सा नहीं था; बल्कि, यह बांह के पीछे एक छोटी अलग आकाशगंगा थी। उन्होंने इस आकाशगंगा का नाम NGC7733N रखा।

अध्ययन में कहा गया है कि यूवी और एच-अल्फा छवियों ने तीसरी आकाशगंगा की उपस्थिति का भी समर्थन किया है, जो कि ज्वारीय पूंछ के साथ स्टार गठन से प्रकट हुई थी जो कि बड़ी आकाशगंगा के साथ एनजीसी 7733 एन के विलय से बन सकती थी। शोधकर्ताओं ने पहली भारतीय अंतरिक्ष वेधशाला एस्ट्रोसैट पर अल्ट्रा-वायलेट इमेजिंग टेलीस्कोप (यूवीआईटी) से डेटा का उपयोग किया, चिली में वेरी लार्ज टेलीस्कोप (वीएलटी) पर लगे एमयूएसई नामक यूरोपीय इंटीग्रल फील्ड ऑप्टिकल टेलीस्कोप और ऑप्टिकल टेलीस्कोप (आईआरएसएफ) से अवरक्त छवियों का उपयोग किया।

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