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Kabul Airport पर हुए हमले में 13 अमेरिकी सैनिकों समेत कम से कम 90 लोगों की मौत, बाइडेन बोले- ढूंढ-ढूंढ कर मारेंगे आतंकियों को!


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काबुल – अफगानिस्तान में गुरुवार को काबुल हवाई अड्डे के पास दो आत्मघाती हमलावरों और बंदूकधारियों की तरफ से भीड़ पर किए गए हमले में कम से कम 90 लोगों की मौत हो गई जबकि कई अन्य के घायल होने की खबर है। एक अफगान अधिकारी ने नाम न जाहिर करने की शर्त पर बताया कि हवाई अड्डे पर हुए हमले में कम से कम 60 अफगान मारे गए और 143 अन्य घायल हुए हैं।

वहीं पेंटागन ने बताया कि काबुल हवाई अड्डे के बाहर ISIS की तरफ से किए गए हमले में 13 अमेरिकी सैनिक मारे गए और 18 अन्य घायल हो गए। इस बीच आतंकी समूह ISIS-K ने समूह के टेलीग्राम अकाउंट पर काबुल हवाई अड्डे पर हुए घातक दोहरे हमले की जिम्मेदारी ली है। अफगानिस्तान में अस्पतालों का संचालन करने वाली इटली की एक संस्था ने कहा कि वो हवाईअड्डे पर हमले में घायल लोगों का कर रहे हैं जबकि कुछ घायलों ने अस्पताल लाने के दौरान दम तोड़ दिया। काबुल में अमेरिकी दूतावास ने गुरुवार को काबुल में हामिद करजई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के बाहर दो विस्फोटों के बाद अमेरिकी नागरिकों को हवाई अड्डे की यात्रा करने से बचने और हवाई अड्डे के गेट से बचने के लिए एक सुरक्षा अलर्ट जारी किया है।

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस ने काबुल हवाईअड्डे पर हुए आतंकवादी हमले की निंदा की है। ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने हमले को बर्बर करार देते हुए कहा कि निकासी अभियान तेजी से जारी रखने की जरूरत है।

जो बाइडेन ने हमलावरों को दी चेतावनी –
काबुल एयरपोर्ट के बाहर हुए बम धमाकों को लेकर अमेरिकी राष्ट्रपित जो बाइडेन ने हमलावरों को चेतावनी दी है और साफ-साफ कहा है कि अब उन्हें इसकी कीमत चुकानी होगी। हमले में हुई अमेरिकी सैनिकों की मौत पर भड़के जो बाइडेन ने कहा है कि ना ही हम इसे भूलेंगे औऱ ना ही हम माफ करेंगे। अब हम शिकार करेंगे और उन्हें इन मौतों की कीमत चुकानी होगी।

राष्ट्रपति बाइडेन ने कहा कि हमारा मिशन जारी रहेगा। जरूरत पड़ी तो अतिरिक्त अमेरिकी फौज को फिर से अफगानिस्तान भेजेंगे। इससे पहले व्हाइट हाउस ने राष्ट्रपति जो बाइडेन और इजराइल के नए प्रधानमंत्री के बीच होने वाली पहली बैठक का कार्यक्रम टाल दिया और अफगान शरणार्थियों के विषय पर गवर्नरों के साथ होने वाली वीडियो कॉन्फ्रेंस को रद्द कर दिया।

उन्होंने आगे कहा- अमेरिका उस ISIS नेता को अच्छे से जानता है जिसने यह हमला करवाया है। हमलोग रास्ता निकालेंगे और बिना बड़े सैन्य ऑपरेशन के भी उन्हें ढूंढ़ लेंगे, वो कहीं भी रहें। उन्होंने घोषणा की है कि अमेरिका किसी भी हालत में इस महीने के अंत तक अफगानिस्तान से अपने सभी सैनिकों को निकाल लेगा। बाइडेन ने इस बात पर जोर देते हुए कहा कि हमें इस मिशन को हर हाल में पूरा करना होगा और हम ऐसा करेंगे। मैंने उनसे ऐसा करने का ही आदेश दिया है। हमलोग आतंकियों से डरने वाले नहीं है। हम उन्हें अपना मिशन किसी भी हाल में रोकने नहीं देंगे। हमलोग अपने सैनिकों और कर्मचारियों की निकासी जारी रखेंगे।

उन्होंने आगे कहा – हमने आज जिन लोगों को खोया है उन्होंने स्वतंत्रता के लिए अपनी जान दी है। सुरक्षा की सेवा, दूसरों की सेवा और अमेरिका की सेव में जान दी है। मेरा ऐसा कभी भी मानना नहीं रहा है कि अफगानिस्तान में लोकतांत्रिक सरकार स्थापित कराने के लिए हमलोग अपने सैनिकों की कुर्बानी देते रहें। एक ऐसा देश जो अपने इतिहास में एक बार भी संयुक्त देश बन कर रह पाया हो। यही समय था 20 साल से चल रहे युद्ध को समाप्त करने का।

बम धमाकों की भारत ने की निंदा –
भारत ने गुरुवार को काबुल हवाई अड्डे के पास हुए घातक बम धमाकों की कड़ी निंदा की और कहा कि इन धमाकों ने एक बार फिर उस आवश्यकता को उजागर किया है कि आतंक के खिलाफ दुनिया को एक साथ आने की जरूरत है। विदेश मंत्रालय ने कहा कि आज के हमलों ने आतंक और आतंकवादियों को शरण देने वालों के खिलाफ विश्व के एकमत से खड़े होने की आवश्यकता को सुदृढ़ किया है।

विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि भारत आज काबुल में हुए बम धमाकों की कड़ी निंदा करता है। हम आतंकवादी हमले में मारे गए लोगों के परिजनों के प्रति तहे दिल से संवदेना प्रकट करते हैं। साथ ही मंत्रालय ने कहा कि हम घायलों के ठीक होने की प्रार्थना करते हैं।

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