केंद्र सरकार ने Drone को लेकर जारी किये नए Rules
नई दिल्ली – जम्मू में भारतीय वायुसेना के एयरबेस पर हुए ड्रोन हमले के बाद भारत सरकार ने अब ड्रोन उड़ाने के नियमों में कई तरह के बदलाव किए हैं। दरअसल, केंद्र सरकार ने ड्रोन उड़ाने को लेकर एक नोटिफिकेशन जारी किया है, जिसमें नए नियमों की जानकारी दी गई है। अब जो भी ड्रोन मालिक है उसे अपने ड्रोन का ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कराना होगा, हालांकि यह प्रक्रिया काफी आसान है।
ड्रोन नियम 2021 देश में लोगों और कंपनियों के लिए अब ड्रोन का स्वामित्व और संचालन करना काफी आसान बनाता है क्योंकि नई ड्रोन नीति के तहत लाइसेंस जारी करने के पंजीकरण से पहले किसी सुरक्षा मंजूरी की आवश्यकता नहीं होती है। यहां हम आपको केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्रालय द्वारा गुरुवार को घोषित ड्रोन नियम 2021 के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसकी जानकारी होना आपके लिए आवश्यक है।
केंद्र सरकार ने Drone को लेकर जारी किये नए Rules
– नए नियमों के तहत ड्रोन का कवरेज 300 किलोग्राम से बढ़ाकर 500 किलोग्राम कर दिया गया है, जिसमें अब भारी पेलोड ले जाने वाले ड्रोन और ड्रोन टैक्सियां शामिल हैं।
– ड्रोन के लिए किसी भी पंजीकरण या लाइसेंस जारी करने से पहले किसी सुरक्षा मंजूरी की आवश्यकता नहीं है। अनुमतियों के लिए अपेक्षित शुल्क भी नाममात्र तक कम कर दिया गया है।
– सभी ड्रोन का ऑनलाइन पंजीकरण डिजिटल स्काई प्लेटफॉर्म के माध्यम से होगा।
– अब यूनिक अधिकृत नंबर, यूनिक प्रोटोटाइप पहचान संख्या, अनुरूपता का प्रमाण पत्र ,मेंटेनेंस सर्टिफिकेट, ऑपरेटर परमिट, अनुसंधान एवं विकास संगठन का प्राधिकरण, रिमोट पायलट लाइसेंस, ड्रोन पोर्ट प्राधिकरण, ड्रोन घटकों के लिए अनुमोदन समाप्त कर दिए गए हैं।
– नई राष्ट्रीय ड्रोन नीति के तहत, नियमों के उल्लंघन के लिए अधिकतम दंड को घटाकर 1 लाख रुपए कर दिया गया है। हालांकि अन्य कानूनों के उल्लंघन के लिए लगाए गए दंड के लिए भी यह लागू नहीं है।
– व्यवसाय के अनुकूल नियामक व्यवस्था की सुविधा के लिए मानव रहित विमान प्रणाली संवर्धन परिषद की स्थापना की जाएगी।
– ड्रोन के आयात को विदेश व्यापार महानिदेशालय (DGFT) द्वारा नियंत्रित किया जाएगा। कार्गो डिलीवरी के लिए ड्रोन कॉरिडोर भी विकसित किए जाएंगे। डिजिटल स्काई प्लेटफॉर्म पर हरे, पीले और लाल क्षेत्रों के साथ इंटरएक्टिव हवाई क्षेत्र का नक्शा प्रदर्शित किया जाएगा।
– हवाई अड्डे की परिधि से पीले क्षेत्र को 45 किमी से घटाकर 12 किमी कर दिया गया है। हवाई अड्डे की परिधि से 8 किमी-12 किमी के बीच के क्षेत्र में ग्रीन जोन और 200 फीट तक के क्षेत्र में ड्रोन के संचालन के लिए किसी अनुमति की आवश्यकता नहीं है।
– सभी जोनों का ऑनलाइन पंजीकरण डिजिटल स्काई प्लेटफॉर्म के माध्यम से होगा, जिसमें ड्रोन के हस्तांतरण और पंजीकरण के लिए निर्धारित एक आसान प्रक्रिया होगी।
– नई ड्रोन नीति का उद्देश्य भारत में मौजूदा ड्रोनों को नियमित करना है। सभी ड्रोन प्रशिक्षण और परीक्षा एक अधिकृत ड्रोन स्कूल द्वारा की जाएगी। डीजीसीए प्रशिक्षण आवश्यकताओं को निर्धारित करेगा, ड्रोन स्कूलों की निगरानी करेगा और ऑनलाइन पायलट लाइसेंस प्रदान करेगा।
– ‘नो परमिशन – नो टेक-ऑफ (एनपीएनटी)’ रीयल-टाइम ट्रैकिंग बीकन, जियो-फेंसिंग और इसी तरह की सुरक्षा सुविधाओं को भविष्य में अधिसूचित किया जाएगा। अनुपालन के लिए कम से कम छह महीने का समय दिया जाएगा।