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‘गे, लेस्बियन को ढूंढ-ढूंढ कर मारते हैं तालिबानी’, LGBTQ समुदाय में डर


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काबुल – अफगानिस्तान में तालिबान राज आने के साथ ही इस देश में रहने वाले कई समुदायों के लिए चिंताएं और चुनौतियां काफी बढ़ चुकी हैं। महिलाएं तो खौफ में हैं हीं, एलजीबीटीक्यू समुदाय के लोग भी बुरी तरह डरे हुए हैं। इस कम्युनिटी से आने वाले ज्यादातर लोग मानते हैं कि अगर तालिबान को उनकी सेक्शुएलिटी के बारे में पता चला तो वे जिंदा नहीं बचेंगे।

एक अफगानी शख्स ने कहा कि जब मैं टीनेजर था तब मुझे एहसास हो गया था कि मैं गे हूं। मुझे कई तरह की चुनौतियां झेलनी पड़ी है। मेरे करीबी दोस्तों ने मुझे मारने की कोशिश की है। एक बार तो मेरे पिता ने भी मुझे जान से मारने की कोशिश की थी क्योंकि उन्हें मुझे मेरे एक दोस्त के साथ देखकर शक हुआ था कि मैं समलैंगिक हूं।

इस शख्स का कहना था कि अगर तालिबान को पता चलता है कि कोई शख्स एलजीबीटीक्यू समुदाय का है तो उसे मौत की सजा ही मिलनी है। मैंने सभी पड़ोसी देशों में शरणार्थी बनने के लिए अप्लाई किया है। कोई भी देश अफगानिस्तान के लोगों के लिए वीजा जारी नहीं कर रहा है। लेकिन, भारत ने फ्री वीजा की घोषणा की थी। वहीं इस मामले में अफगानिस्तान के गे लेखक नेमत सदात ने एक न्यूज एजेंसी के साथ बातचीत में कहा कि तालिबान एलजीबीटीक्यू समुदाय के लोगों को ढूंढ-ढूंढ कर मारता है। वे गे और बाईसेक्शुएल लोगों को ऑनलाइन या पब्लिक स्पेस में आकर्षित करने की कोशिश करेंगे और सुनसान जगह ले जाकर उनका कत्ल कर देंगे।

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