नई दिल्ली – अब परिवार में कोई एक व्यक्ति केंद्र सरकार की दो पेंशन का लाभ ले सकता है। अगर किसी परिवार में दो लोग केंद्रीय कर्मचारी हों तो यह नियम संभव है। अगर किसी बच्चे के माता और पिता दोनों सरकारी कर्मचारी हों तो दो पेंशन का लाभ लिया जा सकता है। इसकी पूरी डिटेल पेंशन और पेंशनर्स वेलफेयर विभाग ने जारी की है।
D/o Pension & Pensioners' Welfare has started a series on "75 important rules related to Family Pension" with a view to creating awareness among elderly pensioners.@mygovindia @DrJitendraSingh @PIB_India#AmritMahotsav #India@75 #AzadiKaAmritMahotsav pic.twitter.com/zmIfXOL5zf
— D/o Pension & Pensioners' Welfare , GoI (@DOPPW_India) August 16, 2021
हालांकि दो पेंशन रूल के नियमों में कुछ शर्तें रखी गई हैं जिन्हें पूरा करने के बाद दो-दो पेंशन का लाभ लिया जा सकेगा। पेंशन विभाग ने कहा है, अगर पति और पत्नी दोनों सरकारी मुलाजिम हैं और इनमें कोई एक नौकरी के दौरान या रिटायरमेंट के बाद मर जाता है, तो फैमिली पेंशन का लाभ दोनों में किसी एक को मिलेगा जो जिंदा हो। पति की मृत्यु हो जाए तो पत्नी को और पत्नी की मृत्यु होने पर पति को फैमिली पेंशन का लाभ मिलेगा।
अगर दोनों की मृत्यु हो जाए तो जीवित बच्चे को माता और पिता दोनों की पेंशन का फायदा दिया जाएगा। पेंशन विभाग ने अभी हाल में ‘पेंशन से जुड़े 75 मुख्य नियम’ नाम से एक सीरीज शुरू की है। इस सीरीज के जरिये उम्रदराज पेंशनभोगियों को जागरूक किया जा रहा है। किसी विधवा या तलाकशुदा बेटी को भी फैमिली पेंशन का लाभ मिलता है जब उसके पति की मृत्यु और पति से तलाक अपने माता-पिता की मृत्यु के बाद हुई हो। इसके जवाब में पेंशन विभाग ने बताया है, फैमिली पेंशन का लाभ किसी विधवा या तलाकशुदा बेटी को तभी मिलेगा जब पति से तलाक माता-पिता की जिंदगी के दौरान हुआ हो। अगर सरकारी कर्मचारी की आश्रित बेटी तलाकशुदा है तो फैमिली पेंशन का लाभ तभी मिलेगा जब तलाक का केस किसी कंपिटेंट कोर्ट में चल रहा हो।
यह केस कर्मचारी या पेंशनर की जिंदगी में शुरू होना चाहिए, लेकिन तलाक उनकी मृत्यु के बाद भी मिला हो तो नियम लागू होता है। इस स्थिति में फैमिली पेंशन तलाक के दिन से जोड़ा जाएगा। क्या कोई अविवाहित बेटी फैमिली पेंशन के लिए क्लेम कर सकती है, और कर सकती है तो इसकी अवधि क्या रखी गई है। इसके जवाब में पेंशन विभाग ने बताया है, इस स्थिति में फैमिली पेंशन क्लेम करने के लिए कोई अवधि निश्चित नहीं की गई है। अविवाहित बेटी को तब तक फैमिली पेंशन का लाभ मिल सकता है जब तक उसकी शादी न हुई हो।
अगर बेटी विधवा हो या तलाकशुदा हो तो दुबारा शादी होने तक फैमिली पेंशन का लाभ मिल सकता है। अगर बेटी अविवाहित है तो जब तक रोजगार नहीं करती है, तो उसे फैमिली पेंशन का लाभ लेने का अधिकार है। एक नियम और भी महत्वपूर्ण है। जिन मृत सरकारी कर्मचारी या पेंशनर के बच्चे दिव्यांग हैं, उनके लिए सरकार फैमिली पेंशन को लेकर बड़ा फैसला कर सकती है। इसके बारे में विचार चल रहा है। इन बच्चों की भलाई और पालन-पोषण को देखते हुए फैमिली पेंशन की राशि बढ़ाई जा सकती है। सरकार को इसके लिए नियमों में कुछ बदलाव करने होंगे। इस बदलाव की भी तैयारी चल रही है। किसी सरकारी कर्मचारी या पेंशनर की मृत्यु के बाद उसके दिव्यांग बच्चों को सीसीएस (पेंशन) रूल्स 1972 के तहत फैमिली पेंशन का लाभ दिया जाए, इसके लिए नियमों में बदलाव का निर्देश दिया गया है। इसके लिए आर्थिक मानदंडों में बदलाव किया जा सकता है।