IND VS SL : इन गलतियों से हारी टीम इंडिया, बचना चाहिए था…

नई दिल्ली – भारत ने श्रीलंका के खिलाफ पहला वनडे 7 विकेट से आसानी से जीता और मेहमान टीम ने दूसरे मैच में कड़े संघर्ष के बाद 3 विकेट से कब्जा किया। लगा कि भारतीय टीम तीसरे वनडे भी अपने नाम कर लेगी, लेकिन श्रीलंका ने आखिरी मैच में वापसी करते हुए तीन विकेट से विजय प्राप्त कर ली। भारत ने बारिश से प्रभावित मुकाबले में 227 रन का लक्ष्य दिया था, जिसे श्रीलंका ने 7 39 ओवर में हासिल कर लिया।
शुरुआती दो मैच जीतने वाली भारतीय टीम ने तीसरे वनडे में पांच खिलाड़ियों- राहुल चाहर, कृष्णप्पा गौतम, संजू सैमसन, नवदीप सैनी और चेतन सकारिया को डेब्यू का मौका दिया। श्रीलंकाई टीम के खिलाफ तीसरे वनडे में भारत क्यों हारा? उसने क्या-क्या गलतियां की? जानिए हार के पांच कारण।
मनीष पांडे – हार्दिक पंड्या की खराब फॉर्म भी तीसरे वनडे में भारतीय टीम की हार का बड़ा कारण रही। ये दोनों खिलाड़ी इस दौरे पर सबसे सीनियर खिलाड़ियों में से एक हैं लेकिन पांडे और पंड्या दोनों बल्ले से नाकाम साबित हुए। तीसरे वनडे में पांडे 11 और हार्दिक पंड्या 19 रन बनाकर आउट हुए। पंड्या ने तो गेंदबाजी में भी बेहद खराब प्रदर्शन किया। एक विकेट लेने के लिए पंड्या ने 5 ओवर में 43 रन लुटा दिये।
स्पिनर्स को नहीं पढ़ पाए बल्लेबाज – भारत की हार का सबसे बड़ा कारण रहा स्पिनर्स के खिलाफ उसकी खराब बल्लेबाजी। तीसरे वनडे में भारत के एक से बढ़कर एक टैलेंटेड बल्लेबाज श्रीलंकाई स्पिनर्स के आगे फीके नजर आए। सूर्यकुमार यादव, हार्दिक पंड्या, मनीष पांडे, नीतीश राणा, संजू सैमसन जैसे बल्लेबाजों ने अपने विकेट स्पिनर्स को दिये। श्रीलंका के अखिला धनंजया तो फिर भी अनुभवी स्पिनर हैं लेकिन अपना वनडे डेब्यू कर रहे प्रवीण जयविक्रमा को भी भारत ने 3 विकेट दे दिये। जो भारतीय बल्लेबाज स्पिनर्स को बेहतरीन अंदाज में खेलने के लिए जाने जाते हैं, वही तीसरे वनडे में उनके खिलाफ बेहद खराब खेले और नतीजा टीम इंडिया महज 225 रन ही बना सकी।
नो बॉल की समस्या – आज के क्रिकेट में नो बॉल देना पाप के समान है क्योंकि विरोधी टीम को अतिरिक्त रन तो मिलता ही है साथ में उसे फ्री हिट भी मिलती है। भारतीय टीम ने तीसरे वनडे में 1-2 नहीं बल्कि 5 नो बॉल फेंकी। चेतन सकारिया और राहुल चाहर ने 2-2 और नवदीप सैनी ने 1 नो बॉल की जबकि श्रीलंकाई टीम ने एक भी नो बॉल नहीं फेंकी।
भारत की निराशानजक फील्डिंग – किसी भी कम स्कोर को बचाने के लिए सबसे जरूरी चीज होती है उसकी अच्छी फील्डिंग। तीसरे वनडे में टीम इंडिया ने यही नहीं किया। भारतीय टीम ने कैच टपकाने में कोई कसर नहीं छोड़ी। मनीष पांडे, पृथ्वी शॉ, चेतन सकारिया, नीतीश राणा जैसे खिलाड़ियों ने आसान कैच टपकाए। कप्तान शिखर धवन से भी कैच छूटा लेकिन वो एक मुश्किल मौका था। श्रीलंकाई बल्लेबाजों को जीवनदान देना भारतीय टीम को भारी पड़ा।