नई दिल्ली – नागपुर के हिंदू परिवार ने जबलपुर से लापता मुस्लिम बच्चे की परवरिश की है। सात साल तक मुस्लिम लड़के को अपने घर में रखकर बेटा जैसा प्यार दिया है। 30 जून को वह लड़का जबलपुर स्थित मां-बाप के पास लौट आया है। 12 जुलाई को लड़का फिर से नागपुर गया था। उस मां का जन्मदिन मनाने जिसने उसे सात साल तका पाला है।
दरअसल, लड़का 2012 में लापता हुआ था। वह मानसिक रूप से विक्षिप्त है। लापता होने के बाद खुद भी उसे अपने बारे में ज्यादा जानकारी नहीं थी। परिजनों के अनुसार आमिर 2012 में घर से अचानकर लापता हुआ था। वह किसी तरह नागपुर रेलवे स्टेशन पर पहुंच गया था। पुलिस को वह अपने घर का पता नहीं बता पा रहा था। परिजनों के अनुसार उस वक्त उम्र आठ साल रही होगी। बरामदगी के बाद पुलिस ने उसे एक सरकारी बाल गृह में भेज दिया। उस बाल गृह से सामाजिक कार्यकर्ता समर्थ दामले अपने घर ले गए। उनका वह घर बाद में बंद हो गया।
घर संस्था बंद होने के बाद सभी बच्चे अपने-अपने घर या रिश्तेदार के पास चले गए थे लेकिन आमिर को लेने कोई नहीं आया है। ऐसे में दामले और उनकी पत्नी लक्ष्मी ने आमिर को अपने साथ घर में रख लिया। साथ ही उसका नाम अमन रख दिया। वहीं, इस साल एसएससी की परीक्षा के लिए आमिर को आधार कार्ड बनवाना था। आधार कार्ड बनाने की प्रक्रिया जब शुरू हुई तो पता चला कि अमन का असली नाम आमिर है और वह जबलपुर का रहने वाला है। सामाजिक कार्यकर्ता दामले ने इसके पिता अयूब खान से मिलवाने की प्रक्रिया शुरू की। 30 जून को आमिर आखिरकार अपने मुस्लिम मां-बाप के पास लौट आया।
वहीं, आमिर ने खुद को पालने वाली मां लक्ष्मी से वादा किया था कि 12 जुलाई को बर्थडे पर मिलने जरूर आऊंगा। सोमवार को इस वादे को निभाने के लिए आमिर नागपुर पहुंचा था। समर्थ दामले ने मीडिया से बात करते हुए कहा है कि आमिर का अमन के नाम से आधार कार्ड नहीं बन रहा था। इसके लेकर मैं प्रमुख आधार सेवा केंद्र में गया। वहां हमें जानकारी मिली कि इस लड़के का आधार कार्ड पहले से आमिर के नाम पर बना हुआ है। उसमें जबलपुर का पता लिखा हुआ था। इसके बाद समर्थ दामले इसके माता-पिता से संपर्क साध पाए।