x
कोरोनाभारत

कोरोना मरीज की मौत के बाद 20 घंटे तक शरीर में रह सकता है वायरस


सरकारी योजना के लिए जुड़े Join Now
खबरें Telegram पर पाने के लिए जुड़े Join Now

नई दिल्ली – भारत में एक दिन में कोविड-19 के 45,892 नए मामले सामने आने के बाद देश में संक्रमितों की संख्या बढ़कर 3,07,09,557 हो गई। वहीं, एक्टिव मामलों में लगातार करीब 55 दिन से गिरावट के बाद मामूली बढ़ोतरी दर्ज की गई और अब देश में 4,60,704 लोगों का कोरोना वायरस संक्रमण का इलाज चल रहा है।

इस बीच भोपाल एम्स के डॉक्टरों ने देश में पहली बार 21 कोविड शवो के पोस्टमॉर्टम के बाद कई चौंकाने वाले खुलासे किए हैं। भोपाल एम्स में 21 कोविड शवों की अटाप्सी के बाद खुलासा हुआ है कि कोरोना वायरस ने ना सिर्फ फेफड़ों को बल्कि किडनी, ब्रेन, पैंक्रियाज, लिवर और हृदय तक पहुंचकर अपना घातक असर दिखाया है। एम्स भोपाल के डायरेकटर डॉक्टर प्रोफेसर सरमन सिंह ने कहा कि उनकी जांच में कोरोना वायरस लंग्स के साथ-साथ पेनक्रियाज, ब्रेन, किडनी और शरीर के अन्य अंगों में भी मिला है।

उन्होंने कहा- हमें यह तो बता था कि वायरस लंग्स के सेल में जा कर उन्हें मल्टीप्लाई करता है लेकिन हमको ये भी पता चला है कि यह ब्रेन में भी जा सकता है, पेनक्रियाज में भी जा सकता है और शरीर के कई अन्य अंगों में भी जा सकता है। हालांकि मरीज के बाद सेल मल्टीप्लाई नहीं होते है। मेरा यह सुझाव होगा कि मरीज के सभी अंगों का इन्वेस्टिगेशन करना चाहिए।

मौत के 20 घंटे बाद तक वायरस संक्रमित मरीज के शरीर में मिल सकता है। एम्स डायरेक्टर के मुताबिक, ICMR मानता था कि मरने के बाद वायरस डेड बॉडी पर रह जाता है लेकिन पोस्टमॉर्टम के बाद पता चला कि वह मृतक के शरीर के अंदर भले ही जिंदा रहता हो लेकिन बाहर नहीं। प्रोफेसर सिंह ने कहा, ‘स्किन पर यह वायरस जिंदा नहीं रहता। यदि कोरोना से जान गंवाने वाले शख्स के शरीर को सैनिटाइज किया गया हो तो उससे किसी के संक्रमित होने का डर नहीं है।’ उन्होंने कहा कि हालांकि डेड बॉडी के अंदर 16 घंटे बाद तक हमें वायरस जिंदा मिला है।

यह स्टडी करने के पीछे भोपाल के डॉक्टरों का मकसद यह पता लगाना था कि कोरोना लंग्स के अलावा और किन अंगों पर असर करता है। डॉक्टर ने अटॉप्सी के लिए 15 पुरुष और 6 महिलाओं के शवों का पोस्टमार्टम किया। इनमें 20 मरीज पहले ही किसी न किसी बीमारी से पीड़ित थे जबकि एक मृतक कोरोना संक्रमण से पहले पूरी तरह स्वस्थ था।

Back to top button