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चांद पर युद्ध लड़ने की तैयारी में अमेरिका-चीन?


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नई दिल्ली – चांद पर अभी इंसानों ने सिर्फ कदम रखा है, लेकिन चांद के लिए युद्ध की आशंका पूरी दुनिया पर मंडराने लगी है। एक रिपोर्ट के मुताबिक, चांद पर जमीन के लिए बहुत बड़ी लड़ाई हो सकती है। और ये लड़ाई धरती पर नहीं, बल्कि या तो अंतरिक्ष में होगी या फिर चांद पर। एयरफोर्स रिसर्च लैबोरेट्री स्पेस वैहिकल निदेशालय ने एक हालिया रिपोर्ट में कहा है कि अमेरिकन सेना का मिलिट्री इंट्रेस्ट लगातार बढ़ रहा है और वो अब पृथ्वी की सतह से 10 गुना ज्यादा बढ़कर 2 लाख 72 हजार मील ऊपर चला जाएगा।

जिसकी वजह से प्राइवेट और पब्लिक हितों का भारी टकराव होने की संभावना बन रही है और इस बात की पूरी संभावना बन रही है कि चांद के लिए अगला युद्ध हो सकता है, क्योंकि अमेरिकी सैनिक अपनी मिलिट्री ताकत की दम पर चांद पर अपना वर्चस्व बनाने की कोशिश करेंगे। ‘ए प्राइमर ऑन सिस्लुनर स्पेस’ शीर्षक के साथ रिपोर्ट में कहा गया है कि, स्पेस फोर्स को ‘अंतरिक्ष में अमेरिकी हितों की रक्षा और सुरक्षा’ का काम सौंपा गया था, और इसे पहली बार दिसंबर 2019 में स्थापित किया गया था। लेकिन, अब अंतरिक्ष में काफी ज्यादा प्राइवेट और पब्लिक ऑपरेशंस होने लगे हैं और इसका दायरा बढ़ता हुआ चांद तक जा पहुंचा है, जिसकी वजह से अमेरिकन स्पेस फोर्स का प्रभाव अब चांद तक जा पहुंचा है, और अमेरिका इसे ‘सुरक्षा और बचाने’ के नाम पर अपने हितों की रक्षा कर रहा है।

futurism.com ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि अमेरिका आगे-आगे जा रहा है तो चीन ने चांद पर कब्जा करने की कोशिश के लिए अपनी रफ्तार काफी तेज कर दी है। इसके साथ ही पृथ्वी से चांद तक पहुंचने का जो रास्ता है, जिसे सिस्लुनर स्पेस कहा जाता है, उसी रास्ते से चीन भी चांद पर अपने कदम जमाना जमाना चाहता है और माना जा रहा है कि इस रास्ते को बचाने के नाम पर अमेरिका अपने स्पेसक्राफ्ट की तैनाती कर सकता है। जिसके जवाब में चीन भी अपने मिलिट्री एयरक्राफ्ट भेजेगा और फिर एक दिन पृथ्वी से चंद्रमा के रास्ते में लड़ाई की स्थिति बन जाएगी।

द ड्राइव ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि ‘हम आशा करते हैं, उम्मीद करते हैं कि यह ज्यादा से ज्यादा शीत युद्ध जैसा हो और हम उम्मीद करते हैं कि कोई भी देश अंतरिक्ष में विनाशकारी हथियारों की तैनाती ना करे। हम सिर्फ आशा ही नहीं कर रहे हैं, बल्कि हम उस दिशा में काम भी कर रहे हैं कि अंतरिक्ष में विनाशकारी युद्ध की दिशा में दुनिया कदम बढ़ाना शुरू नहीं करे।’ उन्होंने कहा कि ‘अंतरिक्ष का युद्ध अलग तरह का होगा और इसमें वही जीतेगा, जो पहला वार करेगा। इसमें डिफेंड करने वालों के हाथ में कुछ नहीं रहेगा। जो पहला हमला करेगा, उसी को फायदा होगा। और हमने ऐसा पहले भी देखा है, जब दुनिया में न्यूक्लियर बम गिराया गया था, जिसमें एक देश के पास जवाबी कार्रवाई करने की क्षमता ही नहीं रही। और अंतरिक्ष युद्ध तो उससे भी भयंकर होगा।’

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