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पाकिस्तान को लगा बड़ा झटका, FATF ने ग्रे लिस्ट से नहीं निकाला बाहर


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इस्लामाबाद – दुनियाभर में टेरर फंडिंग पर नजर रखने वाली संस्था फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) ने पाकिस्तान को बड़ा झटका दिया है। शुक्रवार को हुई FATF की बैठक में ये फैसला हुआ कि अभी पाकिस्तान ग्रे लिस्ट में ही रहेगा, क्योंकि उसने संयुक्त राष्ट्र की ओर से चिह्नित आतंकी समूहों के नेताओं और कमांडरों के खिलाफ पर्याप्त जांच नहीं की। इसके अलावा वो उनके खिलाफ मुकदमा चलाने में भी विफल रहा, जिस वजह से उसे ग्रे लिस्ट से नहीं निकाला जा सकता है। पाक इस लिस्ट में 2018 से कब्जा जमाए हुए है।

पाकिस्तान को लेकर कहा गया है कि उसे एफएटीएफ की 17 अक्टूबर से 22 अक्टूबर के बीच होने वाली अगली बैठक से पहले एक्शन प्लान में बताए सभी पॉइंट्स को पूरा करने के लिए काम करना पड़ेगा। एफएटीएफ की रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान ने 27 कार्यबिंदुओं में से अबतक केवल 26 को ही पूरा किया है। पाकिस्तान को एफएटीएफ के बाकी बचे एक बिंदु को लागू करने के लिए कम से कम दो से तीन महीने और लगेंगे।

पाकिस्तान में इस फैसले को पश्चिमी देशों का भेदभाव बताया जा रहा है और सवाल किया जा रहा है कि जब पाकिस्तान ने जून 2018 के बाद से अब तक इतने बिंदुओं पर काम पूरा कर लिया है, तो अभी भी उसे ग्रे लिस्ट में क्यों रखा गया। इसका मतलब ये है कि पाकिस्तान में पैसे का इस्तेमाल आतंकियों की फंडिंग के लिए किया जाता है। किसी देश के ग्रे लिस्ट में शामिल होने से उसके विदेशी निवेश के प्रवाह पर प्रभाव पड़ता है, जिससे उस देश की अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचना लाजमी है।

नहीं मिलेगी आर्थिक मदद –
दरअसल अंतरराष्‍ट्रीय मुद्राकोष (आईएमएफ), विश्‍व बैंक और यूरोपीय संघ से हर देश को आर्थिक मदद दी जाती है। साथ ही ये सुनिश्चित किया जाता है कि उनकी ओर से दिया गया पैसा अच्छे काम में खर्च किया जाए, लेकिन पाकिस्तान जैसे देश इसका इस्तेमाल आतंकी गतिविधियों में करते हैं। ऐसे में उनके लिए ग्रे, ब्लैक लिस्ट तैयार की गई है। अब ग्रे लिस्ट में बरकरार रहने पर पाक की आर्थिक मदद काफी हद तक बंद ही रहेगी।

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