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23 साल की माव्या सूदन बनीं जम्मू-कश्मीर की पहली महिला IAF फाइटर पाइलट


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श्रीनगर – जम्मू-कश्मीर के राजौरी जिले की रहने वाली 23 साल की माव्या सूदन अब भारतीय वायुसेना में महिला फाइटर पायलट के रूप में नियुक्त हो गयी है। वो जम्मू-कश्मीर की पहली महिला फाइटर पायलट बनकर इतिहास रच दी। रिपोर्ट्स के मुताबिक, माव्या की फ्लाइंग ऑफिसर के रूप में IAF में भर्ती हुई थीं। वह भारतीय वायुसेना में शामिल होने वाली 12वीं महिला अफसर और फाइटर पायलट के रूप में शामिल होने वाली राजौरी की पहली महिला अधिकारी बन गई हैं।

एयर चीफ मार्शल राकेश कुमार सिंह भदौरिया ने शनिवार को वायु सेना अकादमी, डुंडीगल, हैदराबाद में आयोजित संयुक्त स्नातक पासिंग आउट परेड की समीक्षा की। माव्या के पिता विनोद सूडान ने बेटी की उपलब्धि पर खुशी जाहिर की है। उन्होंने कहा कि उन्हें गर्व महसूस हो रहा है. अब वह सिर्फ हमारी बेटी नहीं, बल्कि इस देश की बेटी है। हमें लगातार बधाई संदेश मिल रहे हैं।

माव्या सूदन को अब एक लड़ाकू पायलट के रूप में ‘पूरी तरह से संचालन’ करने और युद्ध की पेचीदगियों को संभालने से पहले एक साल से अधिक समय तक कठोर लड़ाकू ट्रेनिंग से गुजरना होगा। फ्लाइट लेफ्टिनेंट अवनी चतुर्वेदी, भावना कंठ और मोहना सिंह जून 2016 में बेसिक ट्रेनिंग के बाद फाइटर स्ट्रीम में फ्लाइंग ऑफिसर के रूप में शामिल होने वाली पहली महिला थीं। IAF में वर्तमान में 11 महिला फाइटर पायलट हैं, जिन्होंने सुपरसोनिक जेट उड़ाने के लिए कठिन ट्रेनिंग ली है। एक फाइटर पायलट को ट्रेनिंग देने में करीब 15 करोड़ रुपए लगते हैं।

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