नई दिल्ली – भारत में कोरोना की दूसरी लहर मंद पड़ने के साथ ही तीसरी लहर की आशंकाएं और इससे निपटने के लिए तैयारियों ने जोर पकड़ लिया है। इस बीच कुछ मेडिकल एक्सपर्ट्स ने संभावना जताई है कि भारत में अक्टूबर तक महामारी की तीसरी लहर आ सकती है। एक सर्वे में विशेषज्ञों ने यह भी कहा है कि भारत तीसरी लहर का मुकाबला दूसरी लहर से बेहतर तरीके से करेगा। उन्होंने कहा है कि कोरोना महामारी कम से कम एक साल और जन स्वास्थ्य के लिए चिंता की वजह बना रहेगा।
इस पर एक्सपर्ट्स ने तीसरी लहर की चेतावनी दे दी। एक्सपर्ट्स का कहना है कि तीन महीने के बाद देश में तीसरी लहर दस्तक दे सकती है। दिल्ली हाई कोर्ट ने भी केंद्र और दिल्ली सरकार को नोटिस जारी करते हुए कहा है कि हम तीसरी लहर से ज्यादा दूर नहीं हैं। सर्वे के मुताबिक, तीसरी लहर को लेकर प्रीडिक्शन करने वालों में से, 85% से अधिक रिस्पॉन्डेंट्स या 24 में से 21 ने कहा कि अगली लहर अक्टूबर तक आएगी, जिसमें तीन ने अगस्त की शुरुआत में और सितंबर की भविष्यवाणी की थी. बाकी तीन ने नवंबर से फरवरी के बीच कहा।
एम्स के डायरेक्टर डॉ. रणदीप गुलेरिया ने कहा, ”तीसरी लहर अधिक नियंत्रित होगी क्योंकि टीकाकरण में और तेजी आएगी, इससे केसों की संख्या कम होगी। इसके अलावा इस लहर से कुछ हद तक प्राकृतिक इम्युनिटी आएगी।” हालांकि, बच्चों पर तीसरी लहर के असर को लेकर विशेषज्ञ बंटे हुए नजर आए। 40 में से 26 ने बताया कि बच्चे अधिक जोखिम में होंगे, जबकि शेष 14 ने कहा कि ऐसा नहीं होगा। 30 प्रतिभागियों ने अनुमान जताया कि कोरोना महामारी भारत में कम से कम एक साल और जन स्वास्थ्य के लिए खतरा बनी रहेगी।