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मेहुल चौकसी के खिलाफ CBI ने दाखिल की एक और चार्जशीट


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नई दिल्ली – भगोड़े हीरा कारोबारी मेहुल चोकसी और 21 अन्य लोगों के खिलाफ सीबीआई ने सप्लीमेंट्री चार्जशीट फाइल की है जिसमें पहली बार मेहुल चोकसी पर सबूतों को मिटाने के आरोप लगे हैं। एजेंसी की चार्जशीट में दावा किया गया है कि चोकसी ने पीएनबी के अधिकारियों की मिलीभगत से 2017 में 165 लेटर्स ऑफ अंडरटेकिंग (एलओयू) और 58 एफएलसी (फॉरेन लेटर्स ऑफ क्रेडिट) को धोखाधड़ी से जारी किया।

जिससे बैंक को 6,097 करोड़ ($952 मिलियन) का नुकसान हुआ। इसके बाद वह सबूतों को मिटाने में भी शामिल रहा। अधिकारियों ने कहा कि भारत की निर्वासन याचिका को बढ़ावा देने के लिए इस नई चार्जशीट को डोमिनिका में अधिकारियों और कोर्ट के साथ शेयर किया जाएगा। चार्जशीट में चोकसी के अलावा 21 लोगों और कंपनियों के नाम हैं, जिनमें पीएनबी के रिटायर्ड डिप्टी मैनेजर गोकुलनाथ शेट्टी, सिंगल विंडो ऑपरेटर हनुमंत करात, इलाहाबाद बैंक की पूर्व मैनेजिंग डायरेक्टर उषा अनंतसुब्रमण्यम, पीएनबी के पूर्व एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर केवी ब्रह्माजी राव और संजीव शरण शामिल हैं। इसके अलावा बैंक के पूर्व महाप्रबंधक नेहल अहद, चोकसी के गीतांजलि समूह के पूर्व उपाध्यक्ष विपुल चितालिया और कुछ कंपनियां भी शामिल हैं।

सीबीआई की ओर से ये चार्जशीट 10 जून को दाखिल की गई. मेहुल चौकसी के खिलाफ पहली चार्जशीट 2018 में दायर की गई थी। मेहुल चोकसी एक समय में हीरे का बिजनेस टाइकून था, जोकि अब एक बड़ा जालसाज है। चोकसी पर आरोप है कि उसने तेजी से डायमंड जेम्स की ज्वेलरी का बिजनेस अगल-अलग ब्रांड के नाम से शुरू किया, जिससे उसने 6,498 करोड़ रुपये की चपत लगाई।

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