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चीन ने ही फैलाया है कोरोना? चमगादड़ों से वायरस के फैलने के दावे में नहीं है सच्चाई!


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नई दिल्ली – कोरोना वायरस के ऑरिजन को लेकर अभी तक माना जा रहा है कि ये चमगादड़ों या फिर पैंगोलिन के जरिए इंसानों तक पहुंचा है। इसके पीछे की वजह चीन के वुहान शहर स्थित मीट बाजार में इनकी बिक्री होना है। इसी मीट बाजार में कोरोना का पहला कलस्टर सामने आया था। लेकिन, अब ऑक्सफोर्ड के नेतृत्व में हुई एक स्टडी में कहा गया है कि कोरोना वायरस महामारी शुरू होने से ठीक पहले वुहान के मीट बाजार में कोई चमगादड़ या पैंगोलिन नहीं बेचा गया था।

इस तरह एक बार फिर चीन की पोल खुल गई है और वायरस के वुहान लैब से लीक होने के दावे को मजबूती मिलने लगी है। इस स्टडी में 2017 से नवंबर 2019 तक वुहान मीट बाजार में बिकने के लिए आए बेजर, सूअर, पिट वाइपर सहित 38 प्रजातियों के लगभग 50,000 जानवरों का दस्तावेजीकरण किया गया है। स्टडी को करने वाली टीम ने पाया कि इस बात के कोई सबूत नहीं है कि मीट बाजार में एक भी चमगादड़ या पैंगोलिन को बेचा गया हो। ऐसे में इस नतीजे पर पहुंचा गया है कि ये जीव कोरोना वायरस फैलाने वाले होस्ट नहीं थे। इसके बजाय वैज्ञानिकों ने तर्क दिया कि मीट बाजार में व्यापारियों द्वारा बड़ी संख्या में जंगली जानवरों को गंदे पिंजरों में कैद करके रखा जा रहा था, जो कोरोना फैलाने के लिए जिम्मेदार हो सकते हैं।

यूनिवर्सिटी ऑफ ऑक्सफोर्ड के क्रिस न्यूमैन ने कहा, इनमें से कुछ प्रजातियां विभिन्न प्रकार की बीमारियों को फैलाने के लिए जानी जाती हैं। उन्होंने कहा, इनमें से कुछ जानवरों को कोविड फैलाने के लिए खतरनाक कैटेगरी वाले जानवर माना गया। लेकिन, चमगादड़ और पैंगोलिन की इन बाजारों में बिक्री नहीं हो रही थी। न्यूमैन ने बताया कि हमारा डाटा ये निर्धारित नहीं कर सकता है कि मनुष्य कोविड-19 से कैसे संक्रमित हुए। इस बाजार में पैंगोलिन या चमगादड़ के साथ सीधा संपर्क अत्यधिक असंभव लगता है।

इस बात की चर्चा तेज हो गई है कि वायरस वुहान लैब से लीक हुआ था और ये जानवरों से इंसानों तक नहीं पहुंचा है। इस स्टडी के लेखकों का कहना है कि वुहान मीट बाजार में बेचे जाने वाले हजारों जानवर संक्रामक रोगों को फैलाने में सक्षम हैं। दूसरी ओर, चीन ने दावा किया है कि इसने बीमारी फैलाने वाले बाजारों पर कार्रवाई की है। इसके अलावा, जिंदा जानवरों की बिक्री को अवैध घोषित कर दिया है। हालांकि, महामारी के एक साल से अधिक समय बाद भी लोग इन बाजारों में बड़े पैमाने पर पहुंच रहे हैं।

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