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डोमिनिका कोर्ट ने मेहुल चोकसी के प्रत्यर्पण पर लगाई रोक, भारत को लगा झटका


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नई दिल्ली – पंजाब नेशनल बैंक घोटाले का आरोपी भगोड़ा हीरा कारोबारी मेहुल चोकसी के प्रत्यर्पण की कोशिशों में लगे भारत की उम्मीदों को फिलहाल झटका लगा है। एक खबर के मुताबिक, PNB घोटाला मामले में भारत के भगोड़े मेहुल चोकसी के प्रत्यर्पण पर डोमिनिकाई कोर्ट ने रोक लगा दी है, क्योंकि चोकसी के वकील ने वहां बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दायर की है।

इस मामले की सुनवाई आज फिर होगी। सुनवाई के दौरान मेहुल के वकील ने यह दलील दी कि वे एंटीगुआ के नागरिक है न कि भारत के, इसलिए उन्हें भारत नहीं भेजा सकता। इससे पहले खबर ये आ रही थी कि 13500 करोड़ के पीएनबी घोटाले के आरोपी मेहुल चौकसी को भारत प्रत्यपर्ण कर सकता है डॉमिनिका लेकिन इस मामले में सुनवाई करते हुए डॉमिनिका की अदालत ने साफ कर दिया है कि अगली सुनवाई तक मेहुल चौकसी को कहीं नही भेजा जाएगा।

सूत्रों के मुताबिक सरकार चोकसी को वापस लाने के लिए लगातार प्रयास कर रही है। पंजाब नेशनल बैंक से 13,500 करोड़ रुपये की कर्ज धोखाधड़ी मामले में चोकसी वांछित है और रविवार को एंटीगुआ और बारबुडा से वह रहस्यमयी परिस्थितियों में लापता हो गया। बाद में उसे अवैध तौर पर प्रवेश करने के लिए डोमिनिका में ‘‘हिरासत’’ में लिया गया। चोकसी के वकीलों ने एंटीगुआ और बारबुडा से उसके भागने के दावे पर सवाल उठाया और कहा कि भारतीय और डोमिनिका के पुलिसकर्मियों की तरह दिखने वाले लोगों ने उसे ‘अगवा’ किया।

बता दें कि बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका बंदी या हिरासत में लिए जाने के खिलाफ नागरिकों के पास एक हथिहार है जो नागरिकों को अपने हितों की रक्षा का लिए कोर्ट में जज के पास जाने का शक्ति प्रदान करता है। हालांकि, यह साबित करना होगा कि उसने कोई गैर-कानूनी काम नहीं किया है। चोकसी के डोमिनिका में पकड़े जाने के बाद एंटीगुआ के प्रधानमंत्री गैस्टन ब्राउनी ने कहा कि उन्होंने डोमिनिका को मेहुल चोकसी को सीधे भारत को सौंपने के लिए कहा है।

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